ICSE Class 10 Hindi Solutions एकांकी-संचय – दीपदान

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प्रश्न क-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
‘तुम कभी रात में अकेले नहीं जाओगे। चारों तरफ़ जह़रीले सर्प घूम रहे हैं। किसी समय भी तुम्हें डस सकते हैं।’
वक्ता कौन है? उसका परिचय दीजिए।

उत्तर:
वक्ता पन्ना धाय है। वह स्वर्गीय महाराणा साँगा की स्वामिभक्त सेविका है। वह कर्तव्यनिष्ठ तथा आदर्श भारतीय नारी है। वह हमेशा कुँवर की सुरक्षा का ध्यान रखती है।

प्रश्न क-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
‘तुम कभी रात में अकेले नहीं जाओगे। चारों तरफ़ जह़रीले सर्प घूम रहे हैं। किसी समय भी तुम्हें डस सकते हैं।’
श्रोता कौन है? उसका वक्ता से क्या संबंध है?

उत्तर :
श्रोता स्वर्गीय महाराणा साँगा का सबसे छोटा पुत्र है। उसकी माँ की मृत्यु के पश्चात से पन्ना धाय जोकि महाराज की सेविका थी उसने उसे माँ की तरह पाला।

प्रश्न क-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
‘तुम कभी रात में अकेले नहीं जाओगे। चारों तरफ़ जह़रीले सर्प घूम रहे हैं। किसी समय भी तुम्हें डस सकते हैं।’
वक्ता के उपर्युक्त कथन कहने के पीछे क्या कारण था?

उत्तर:
महाराणा साँगा की मृत्यु के बाद उनका पुत्र राज सिंहासन का उत्तराधिकारी था परंतु उनकी आयु मात्र 14 वर्ष होने के कारण महाराणा साँगा के भाई पृथ्वीराज के दासी पुत्र बनवीर को राज्य की देखभाल के लिए नियुक्त किया गया। धीरे-धीरे वह राज्य हड़पने की योजना बनाने लगा। इस वजह से कुँवर उदय सिंह की जान को खतरा बढ़ जाने से पन्ना धाय ने उपर्युक्त कथन कहा।

प्रश्न क-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
‘तुम कभी रात में अकेले नहीं जाओगे। चारों तरफ़ जह़रीले सर्प घूम रहे हैं। किसी समय भी तुम्हें डस सकते हैं।’
वक्ता श्रोता की सुरक्षा के प्रति चिंतित क्यों रहती थी?

उत्तर:
वक्ता पन्ना धाय एक देशभक्त राजपूतनी थी तथा अपने राजा के उत्तराधिकारी की रक्षा करना वह परम कर्तव्य समझती थी। महाराणा साँगा की मृत्यु के बाद उनका पुत्र राज सिंहासन का उत्तराधिकारी था परंतु उनकी आयु मात्र 14 वर्ष होने के कारण महाराणा साँगा के भाई पृथ्वीराज के दासी पुत्र बनवीर को राज्य की देखभाल के लिए नियुक्त किया गया। धीरे-धीरे वह राज्य हड़पने की योजना बनाने लगा। इसलिए पन्ना धाय कुँवर उदय सिंह की सुरक्षा को लेकर चिंतित रहती थी।

प्रश्न ख-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
पहाड़ बनने से क्या होगा? राजमहल पर बोझ बनकर रह जाओगी, बोझ! और नदी बनो तो तुम्हारा बहता हुआ बोझ पत्थर भी अपने सिर पर धारण करेंगे, आनंद और मंगल तुम्हारे किनारे होंगे, जीवन का प्रवाह होगा, उमंगों की लहरें होंगी, जो उठने में गीत गाएँगी, गिरने में नाच नाचेंगी।
यहाँ किसे पहाड़ कहा गया है? क्यों?

उत्तर:
यहाँ धाय माँ पन्ना को पहाड़ कहा गया है क्योंकि उनमें ईमानदारी और देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। जैसे एक पहाड़ अपने देश की सुरक्षा करता है वैसे ही पन्ना धाय भी अपने स्वर्गीय राजा के उत्तराधिकारी कुँवर उदय सिंह की रक्षा के लिए पहाड़ बनकर खड़ी है।

प्रश्न ख-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
पहाड़ बनने से क्या होगा? राजमहल पर बोझ बनकर रह जाओगी, बोझ! और नदी बनो तो तुम्हारा बहता हुआ बोझ पत्थर भी अपने सिर पर धारण करेंगे, आनंद और मंगल तुम्हारे किनारे होंगे, जीवन का प्रवाह होगा, उमंगों की लहरें होंगी, जो उठने में गीत गाएँगी, गिरने में नाच नाचेंगी।
उपर्युक्त कथन किसने किससे कहा? इसका अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
उपर्युक्त कथन रावल सरूप सिंह की पुत्री सोना ने धाय माँ पन्ना से कहा। इसका अर्थ यह है कि धाय माँ पन्ना बनवीर सिंह के साथ मिल जाए तथा अपने कर्तव्य कुँवर उदयसिंह की रक्षा से मुँह मोड़ ले।

प्रश्न ख-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
पहाड़ बनने से क्या होगा? राजमहल पर बोझ बनकर रह जाओगी, बोझ! और नदी बनो तो तुम्हारा बहता हुआ बोझ पत्थर भी अपने सिर पर धारण करेंगे, आनंद और मंगल तुम्हारे किनारे होंगे, जीवन का प्रवाह होगा, उमंगों की लहरें होंगी, जो उठने में गीत गाएँगी, गिरने में नाच नाचेंगी।
‘तुम्हारा बहता हुआ बोझ पत्थर भी अपने सिर पर धारण करेंगे’ का क्या तात्पर्य है?

उत्तर:
सोना पन्ना धाय को अपनी देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा
छोड़कर बनवीर के साथ मिल जाने की सलाह दे रही है।

प्रश्न ख-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
पहाड़ बनने से क्या होगा? राजमहल पर बोझ बनकर रह जाओगी, बोझ! और नदी बनो तो तुम्हारा बहता हुआ बोझ पत्थर भी अपने सिर पर धारण करेंगे, आनंद और मंगल तुम्हारे किनारे होंगे, जीवन का प्रवाह होगा, उमंगों की लहरें होंगी, जो उठने में गीत गाएँगी, गिरने में नाच नाचेंगी।
दीपदान उत्सव का आयोजन किसने और क्यों किया?

उत्तर:
दीपदान उत्सव उत्सव का आयोजन महाराणा साँगा के भाई पृथ्वीराज के दासी पुत्र बनवीर ने किया जिसे राज्य की देखभाल के लिए नियुक्त किया गया था। उसने सोचा प्रजाजन दीपदान उत्सव के नाचगाने में मग्न होगे तब कुँवर उदय सिंह को मारकर वह सत्ता हासिल कर सकता है।

प्रश्न ग-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
दूर हट दासी। यह नाटक बहुत देख चुका हूँ। उदयसिंह की हत्या ही तो मेरे राजसिंहासन की सीढ़ी होगी।
उपयुक्त वाक्य का प्रसंग स्पष्ट करें।

उत्तर:
उपर्युक्त वाक्य बनवीर धाय पन्ना से कहता है जब वह कुँवर को मारने जाता है और पन्ना उन्हें रोकने का प्रयास करती है। पन्ना उसे कहती है कि मैं कुँवर को लेकर संन्यासिनी बन जाऊँगी, तुम ताज रख लो कुँवर के प्राण बक्श दो।

प्रश्न ग-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
दूर हट दासी। यह नाटक बहुत देख चुका हूँ। उदयसिंह की हत्या ही तो मेरे राजसिंहासन की सीढ़ी होगी।
पन्ना ने कुँवर को सुरक्षित स्थान पर किस तरह पहुँचाया?

उत्तर:
पन्ना धाय को जैसे ही बनवीर के षडयंत्र का पता चला वैसे ही पन्ना ने सोये हुए कुँवर को कीरत के जूठे पत्तलों के टोकरे में सुलाकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचा दिया।

प्रश्न ग-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
दूर हट दासी। यह नाटक बहुत देख चुका हूँ। उदयसिंह की हत्या ही तो मेरे राजसिंहासन की सीढ़ी होगी।
पन्ना ने क्या बलिदान दिया?

उत्तर:
पन्ना ने कुँवर को कीरत के जूठे पत्तलों के टोकरे में सुलाकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। उसके बाद कुँवर के स्थान पर अपने पुत्र चंदन को सुला दिया और उसका मुँह कपड़े से ढँक दिया। जब बलवीर कुँवर को मारने आया उसने चंदन को कुँवर समझकर मार डाला। इस प्रकार पन्ना ने देशधर्म के लिए अपनी ममता की बलि चढ़ा दी।

प्रश्न ग-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
दूर हट दासी। यह नाटक बहुत देख चुका हूँ। उदयसिंह की हत्या ही तो मेरे राजसिंहासन की सीढ़ी होगी।
प्रस्तुत एकांकी का सार लिखिए।

उत्तर:
महाराणा साँगा की मृत्यु के बाद उनका पुत्र राज सिंहासन का उत्तराधिकारी था परंतु उनकी आयु मात्र 14 वर्ष होने के कारण महाराणा साँगा के भाई पृथ्वीराज के दासी पुत्र बनवीर को राज्य की देखभाल के लिए नियुक्त किया गया। धीरे-धीरे वह राज्य हड़पने की योजना बनाने लगा।
पन्ना धाय स्वर्गीय महाराणा साँगा की स्वामिभक्त सेविका है। वह कर्तव्यनिष्ठ तथा आदर्श भारतीय नारी है। वह हमेशा कुँवर की सुरक्षा का ध्यान रखती है।
सोना पन्ना धाय को अपनी देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा
छोड़कर बनवीर के साथ मिल जाने की सलाह दे रही है। परंतु वह नहीं मानती।
बनवीर ने दीपदान उत्सव का आयोजन किया। उसने सोचा प्रजाजन दीपदान उत्सव के नाचगाने में मग्न होगे तब कुँवर उदय सिंह को मारकर वह सत्ता हासिल कर सकता है।
तभी किसी ने पन्ना को यह खबर दी और पन्ना ने कुँवर को कीरत के जूठे पत्तलों के टोकरे में सुलाकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। उसके बाद कुँवर के स्थान पर अपने पुत्र चंदन को सुला दिया और उसका मुँह कपड़े से ढँक दिया। जब बलवीर कुँवर को मारने आया उसने चंदन को कुँवर समझकर मार डाला। इस प्रकार पन्ना ने देशधर्म के लिए अपनी ममता की बलि चढ़ा दी।

ICSE Class 10 Hindi Solutions नया रास्ता – नया रास्ता

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प्रश्न क-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मीनू दुल्हन बनी, उसकी डोली सजी और अपने पिया संग ससुराल को चल दी। मीनू को पा लेने पर अमित भी अब अपने को भाग्यशाली अनुभव कर रहा था।
दुल्हन के रूप में सजी मीनू आज साधारण पढ़ी मीनू नहीं, वरन् एक प्रसिद्ध वकील मीनू थी, जिसने
आत्मविश्वास व लगन से विशेष ख्याति प्राप्त कर ली थी।
आज वह अपनी मंजिल तक पहुँच चुकी थी, जिसकी उसे तलाश थी।
‘विशेष ख्याति’ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर:
‘विशेष ख्याति’ से यहाँ तात्पर्य मीनू के वकील बनने से है। मीनू ने अपनी लगन और परिश्रम के बलबूते पर अपना वकील बनने का लक्ष्य पूरा किया।

प्रश्न क-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
दूसरे दिन प्रात: होते ही दयाराम जी के घर में मेहमानों के स्वागत के लिए विभिन्न प्रकार की तैयारियाँ प्रारंभ हो गई थीं। घर की सारी चीजें झाड़-पोंछकर यथा-स्थान लगा दी गई थीं। एक मध्यम श्रेणी की हैसियत के अनुसार बैठक को विशेष रूप से सुसज्जित किया गया।
आनेवाले मेहमान को विशेष महत्त्व क्यों दिया जा रहा है?

उत्तर :
दयाराम जी की बेटी मीनू साँवली होने के कारण अभी तक उसे कोई पसंद नहीं कर पाया था लेकिन मेरठ वालों को उसकी फोटो पसंद आ गई थी। अत: सभी को लगता था कि इस बार मीनू का रिश्ता हो ही जाएगा इसीलिए आने वाले मेहमान को महत्त्व दिया जा रहा था।

प्रश्न क-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
दूसरे दिन प्रात: होते ही दयाराम जी के घर में मेहमानों के स्वागत के लिए विभिन्न प्रकार की तैयारियाँ प्रारंभ हो गई थीं। घर की सारी चीजें झाड़-पोंछकर यथा-स्थान लगा दी गई थीं। एक मध्यम श्रेणी की हैसियत के अनुसार बैठक को विशेष रूप से सुसज्जित किया गया।
“विभिन्न प्रकार की तैयारियाँ….” विशिष्ट संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
आज भी हमारे यहाँ लड़की वालों के यहाँ रिश्ता लेकर आना उत्सव से कम नहीं होता इसलिए वे अपनी तरफ़ से कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। अपनी हैसियत के मुताबिक या उससे भी बढ़ चढ़ कर मेहमानों को खुश करने का प्रयास करते हैं।
यहाँ पर भी दयाराम जी बेटी मीनू को देखने के संदर्भ में विभिन्न प्रकार की तैयारियाँ का उल्लेख किया गया है।

प्रश्न क-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
दूसरे दिन प्रात: होते ही दयाराम जी के घर में मेहमानों के स्वागत के लिए विभिन्न प्रकार की तैयारियाँ प्रारंभ हो गई थीं। घर की सारी चीजें झाड़-पोंछकर यथा-स्थान लगा दी गई थीं। एक मध्यम श्रेणी की हैसियत के अनुसार बैठक को विशेष रूप से सुसज्जित किया गया।
आनेवाले मेहमान से परिवार के लोगों को क्या उम्मीद है?

उत्तर:
अभी तक मीनू के रंग-रूप के कारण उसका कहीं रिश्ता नहीं हो पाया था परंतु इस बार मेरठ में रहने वाले मायाराम जी के परिवार वालों को मीनू का फोटो पसंद आ गया था अत: परिवार वालों को इस बार पूरी उम्मीद थी कि इस बार मीनू का रिश्ता पक्का हो ही जाएगा।

प्रश्न ख-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह स्वयं ही दृढ़ता व साहस की मूर्ति थी। उतार चढ़ाव तो हर इंसान की जिंदगी में आते ही रहते हैं। उसने विवाह का सपना ही देखना छोड़ दिया। उसके सामने इतनी लंबी जिंदगी पड़ी थी, जिसका वह एक क्षण भी व्यर्थ नहीं होने देना चाहती थी।
लेखिका मीनू को दृढ़ता व साहस की मूर्ति क्यों कह रही है?

उत्तर:
मीनू के रंग-रूप के कारण वह अनेक बार ठुकराई जा चुकी थी परंतु मेरठ वाले रिश्ते से उसे काफी उम्मीदें बंधी थी लेकिन वहाँ से भी जब उसे ठुकराया गया तो वह एकदम टूट सी जाती है। उसे लगने लगता है कि उसका जीवन व्यर्थ है। पर जल्दी ही अपने आप को संभाल लेती है और विवाह न करने का संकल्प लेकर अपने निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में लग जाती है।

प्रश्न ख-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह स्वयं ही दृढ़ता व साहस की मूर्ति थी। उतार चढ़ाव तो हर इंसान की जिंदगी में आते ही रहते हैं। उसने विवाह का सपना ही देखना छोड़ दिया। उसके सामने इतनी लंबी जिंदगी पड़ी थी, जिसका वह एक क्षण भी व्यर्थ नहीं होने देना चाहती थी।
विवाह के अलावा मीनू के जीवन का लक्ष्य क्या था?

उत्तर:
यूँ तो मीनू को बचपन से ही वकील बनने की इच्छा थी परंतु उसके माता-पिता उसे होस्टल भेजने के पक्ष में न होने के कारण उसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पा रही थी। पर अंत में मीनू की लगन देखकर उन्होंने उसे आज्ञा दे दी इस प्रकार विवाह के अलावा मीनू का लक्ष्य वकील बनना था।

प्रश्न ख-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह स्वयं ही दृढ़ता व साहस की मूर्ति थी। उतार चढ़ाव तो हर इंसान की जिंदगी में आते ही रहते हैं। उसने विवाह का सपना ही देखना छोड़ दिया। उसके सामने इतनी लंबी जिंदगी पड़ी थी, जिसका वह एक क्षण भी व्यर्थ नहीं होने देना चाहती थी।
मीनू समाज के झूठे आवरण को हटाकर एक सत्य दिखाना चाहती है – स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
यहाँ पर मीनू समाज को यह दिखाना चाहती थी कि केवल विवाह ही किसी लड़की की मंजिल नहीं होती है। लड़की के सामने विवाह के अतिरिक्त भी अन्य कई विकल्प मौजूद होते है।

प्रश्न ख-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह स्वयं ही दृढ़ता व साहस की मूर्ति थी। उतार चढ़ाव तो हर इंसान की जिंदगी में आते ही रहते हैं। उसने विवाह का सपना ही देखना छोड़ दिया। उसके सामने इतनी लंबी जिंदगी पड़ी थी, जिसका वह एक क्षण भी व्यर्थ नहीं होने देना चाहती थी।
प्रस्तुत पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों का भावार्थ यह है कि इंसान को परिस्थिति के आगे हार नहीं माननी चाहिए। मीनू ने भी परिस्थिति के आगे हार नहीं मानी और अपना ध्यान लक्ष्य को पूरा करने में केंद्रित कर दिया।

प्रश्न ग-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
धनीमल जी व मायाराम जी आपस में कुछ बातें की और सब वहाँ से उठकर चल दिए। अमित और सरिता को एकांत में बात करने का अवसर दिया गया। अमित ने सरिता से कुछ प्रश्न किए। अमित ने पूछा,” आपकी किस चीज में रूचि है?”
सरिता ने तपाक से जवाब दिया, “जी, मुझे पेंटिंग व कार ड्राइविंग में विशेष रूचि है।”
धनीमल और मायाराम कौन हैं? उनके बीच क्या बातचीत हो रही है?

उत्तर:
धनीमल मेरठ के एक बड़े रईस और सरिता के पिता हैं। मायाराम अमित के पिता हैं।
मायाराम अपने परिवार सहित धनीमल की बेटी को देखने आए हुए हैं। इस समय उन दोनों के बीच इसी रिश्ते को लेकर आपस में बातचीत चल रही है।

प्रश्न ग-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
धनीमल जी व मायाराम जी आपस में कुछ बातें की और सब वहाँ से उठकर चल दिए। अमित और सरिता को एकांत में बात करने का अवसर दिया गया। अमित ने सरिता से कुछ प्रश्न किए। अमित ने पूछा,” आपकी किस चीज में रूचि है?”
सरिता ने तपाक से जवाब दिया, “जी, मुझे पेंटिंग व कार ड्राइविंग में विशेष रूचि है।”
अमित और सरिता किस विषय में बात कर रहे हैं?

उत्तर:
अमित और सरिता आपस में खुलकर बातचीत कर सके इसलिए दोनों के परिवार वालों ने उन्हें अकेला छोड़ दिया। अमित और सरिता इस समय औपचारिक वार्तालाप के दौरान अपनी पसंद-नापसंद, पढ़ाई-लिखाई और रुचियों की बातें कर रहे हैं।

प्रश्न ग-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
धनीमल जी व मायाराम जी आपस में कुछ बातें की और सब वहाँ से उठकर चल दिए। अमित और सरिता को एकांत में बात करने का अवसर दिया गया। अमित ने सरिता से कुछ प्रश्न किए। अमित ने पूछा,” आपकी किस चीज में रूचि है?”
सरिता ने तपाक से जवाब दिया, “जी, मुझे पेंटिंग व कार ड्राइविंग में विशेष रूचि है।”
मुझे पेंटिंग व कार ड्राइविंग में विशेष रूचि है – स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
यहाँ पर अमित को आपसी बातचीत के दौरान सरिता के बारे में यह पता चलता है कि उसे पेंटिंग व कार ड्राइविंग का शौक है। अमित को आश्चर्य होता है कि एक गृहस्थी को सुचारू रूप से चलाने के लिए कई चीजों को आवश्यकता होती है और सरिता को घर के कामों में कोई दिलचस्पी नहीं थी।

प्रश्न ग-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
धनीमल जी व मायाराम जी आपस में कुछ बातें की और सब वहाँ से उठकर चल दिए। अमित और सरिता को एकांत में बात करने का अवसर दिया गया। अमित ने सरिता से कुछ प्रश्न किए। अमित ने पूछा,” आपकी किस चीज में रूचि है?”
सरिता ने तपाक से जवाब दिया, “जी, मुझे पेंटिंग व कार ड्राइविंग में विशेष रूचि है।”
उनकी बातचीत का निष्कर्ष क्या होगा?

उत्तर:
अमित और सरिता ने जब आपस में बातचीत की तो अमित को सरिता के बारे में जानने का मौका मिला उस बातचीत से यह निष्कर्ष निकला कि सरिता को घर के कामों में कोई रूचि नहीं थी।

प्रश्न घ-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
उस निमंत्रण – पत्र को हाथ में लेकर वह फिर अतीत की स्मृतियों में डूब गई। वह अपने को अभागन महसूस कर रही थी। कई लड़के उसे देखकर नापसंद का चुके थे यह कल्पना करते ही उसका दिल भर आया। तभी उसने अपने को संभाला और अपनी सहेलियों के साथ बाहर चली गई।
यहाँ पर किसका निमंत्रण आया है?

उत्तर:
यहाँ पर मीनू की अभिन्न सहेली नीलिमा के विवाह का निमंत्रण आया है।

प्रश्न घ-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
उस निमंत्रण – पत्र को हाथ में लेकर वह फिर अतीत की स्मृतियों में डूब गई। वह अपने को अभागन महसूस कर रही थी। कई लड़के उसे देखकर नापसंद का चुके थे यह कल्पना करते ही उसका दिल भर आया। तभी उसने अपने को संभाला और अपनी सहेलियों के साथ बाहर चली गई।
अतीत की स्मृतियों में डूब जाने पर मीनू क्यों उदास हो जाती है?

उत्तर:
मीनू को जब उसकी अभिन्न सहेली नीलिमा के विवाह का निमंत्रण पत्र आता है तब वह उसे अतीत की बातें याद आने लगती है कि किस प्रकार अतीत में कई बार उसे कई लड़के ना-पसंद कर चुके थे। उन बातों को याद कर मीनू उदास हो जाती है।

प्रश्न घ-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
उस निमंत्रण – पत्र को हाथ में लेकर वह फिर अतीत की स्मृतियों में डूब गई। वह अपने को अभागन महसूस कर रही थी। कई लड़के उसे देखकर नापसंद का चुके थे यह कल्पना करते ही उसका दिल भर आया। तभी उसने अपने को संभाला और अपनी सहेलियों के साथ बाहर चली गई।
कई लड़के उसे देखकर नापसंद कर चुके थे – स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
मीनू साधारण नैन-नक्श की साँवले रंग-रूप की लड़की थी जिसके कारण उसे कोई भी पसंद नहीं कर रहा था। यहाँ पर कहने का तात्पर्य यह है कि मीनू गुणों से भरी हुई लड़की थी पर सभी ऊपरी चमक-दमक को ही महत्त्व दे रहे थे।

प्रश्न घ-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
उस निमंत्रण – पत्र को हाथ में लेकर वह फिर अतीत की स्मृतियों में डूब गई। वह अपने को अभागन महसूस कर रही थी। कई लड़के उसे देखकर नापसंद का चुके थे यह कल्पना करते ही उसका दिल भर आया। तभी उसने अपने को संभाला और अपनी सहेलियों के साथ बाहर चली गई।
मीनू अपनी सहेलियों के साथ कहाँ जा रही है?

उत्तर:
मीनू को उसकी अभिन्न सहेली नीलिमा के विवाह का निमंत्रण पत्र आता है। तब वह अतीत की यादों में खो जाती है और उदास हो जाती है परंतु फिर अपनी स्थिति को संभाल कर अपनी सहेलियों के साथ पूर्वनियोजित योजनानुसार बाहर चली जाती है।

प्रश्न ड.-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
तभी बारात में आए एक नवयुवक ने उसकी आवाज की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपकी आवाज बहुत मधुर है, क्या सुंदर गीत सुनाया है आपने।” मीनू ने जैसे ही सिर उठाकर ऊपर की ओर देखा, तो वह आश्चर्यचकित हो उठी। अरे! ये तो वही लड़का है अमित है। जो मेरठ उसे देखने आया था। उसके मुँह से अपनी प्रशंसा सुनने के बाद उसके ह्रदय में कोई प्रसन्नता की अनुभूति नहीं हुई।
नवयुवक कौन है?

उत्तर:
नवयुवक अमित है। ये वही है जो कुछ दिनों पहले मीनू देखने के लिए आया था और उसका रिश्ता यह कहकर ठुकराया था कि उन्हें मीनू के बदले उसकी छोटी बहन पसंद आ गई थी।

प्रश्न ड.-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
तभी बारात में आए एक नवयुवक ने उसकी आवाज की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपकी आवाज बहुत मधुर है, क्या सुंदर गीत सुनाया है आपने।” मीनू ने जैसे ही सिर उठाकर ऊपर की ओर देखा, तो वह आश्चर्यचकित हो उठी। अरे! ये तो वही लड़का है अमित है। जो मेरठ उसे देखने आया था। उसके मुँह से अपनी प्रशंसा सुनने के बाद उसके ह्रदय में कोई प्रसन्नता की अनुभूति नहीं हुई।
मीनू उस नवयुवक को देखकर क्यों चौंक गई?

उत्तर:
मीनू अपने सामने अमित को देखकर चौंक गई। मीनू ने यह कल्पना नहीं की थी कि किसी दिन अमित से उसका सामना इस तरह होगा।

प्रश्न ड.-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
तभी बारात में आए एक नवयुवक ने उसकी आवाज की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपकी आवाज बहुत मधुर है, क्या सुंदर गीत सुनाया है आपने।” मीनू ने जैसे ही सिर उठाकर ऊपर की ओर देखा, तो वह आश्चर्यचकित हो उठी। अरे! ये तो वही लड़का है अमित है। जो मेरठ उसे देखने आया था। उसके मुँह से अपनी प्रशंसा सुनने के बाद उसके ह्रदय में कोई प्रसन्नता की अनुभूति नहीं हुई।
मीनू अपनी प्रशंसा सुनकर खुश क्यों नहीं हुई?

उत्तर:
अमित ने जब मीनू की प्रशंसा की तो वह खुश नहीं हुई क्योंकि अमित वही लड़का था जिसने कुछ दिनों पूर्व उसका रिश्ता ठुकराया था।

प्रश्न ड.-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
तभी बारात में आए एक नवयुवक ने उसकी आवाज की प्रशंसा करते हुए कहा, “आपकी आवाज बहुत मधुर है, क्या सुंदर गीत सुनाया है आपने।” मीनू ने जैसे ही सिर उठाकर ऊपर की ओर देखा, तो वह आश्चर्यचकित हो उठी। अरे! ये तो वही लड़का है अमित है। जो मेरठ उसे देखने आया था। उसके मुँह से अपनी प्रशंसा सुनने के बाद उसके ह्रदय में कोई प्रसन्नता की अनुभूति नहीं हुई।
उसकी भावनाओं को ठेस पहुँचाई – स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
यहाँ पर अमित ने मीनू जैसी गुणी लड़की का रिश्ता ठुकराकर उसकी भावनाओं को ठेस पहुँचाई थी। मीनू पढ़ी-लिखी गुणी लड़की थी परंतु अमित के माता-पिता ने अमीर लड़की का रिश्ता आने के कारण उसके रिश्ते को यह कहकर ठुकराया कि उन्हें मीनू के बदले उसकी छोटी बहन पसंद आई है जबकि वास्तव में वे धनीमल की बेटी सरिता से अमित का विवाह करवाना चाहते थे।

प्रश्न च-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“भइया, मैं सच कह रही हूँ। जवान बेटियों की तो बड़ी भारी जिम्मेदारी होती है। इनकी शादी हो जाएगी तो तुझे कम-कम-से छुट्टी तो मिल जाएगी। फिर रोहित, वह तो लड़का है उसकी कोई ऐसी बात नहीं है।” बुआजी ने बहुत विश्वास के साथ कहा।
वह महिला कौन है और भइया को क्या समझा रही है?

उत्तर:
वह महिला मीनू की बुआ है। वह अपने भइया को बेटियों के विवाह का महत्त्व समझा रही है। बुआ के अनुसार बेटियों के शादी हो जाने से माता-पिता को बहुत बड़े कामों से मुक्ति मिल जाती है।

प्रश्न च-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“भइया, मैं सच कह रही हूँ। जवान बेटियों की तो बड़ी भारी जिम्मेदारी होती है। इनकी शादी हो जाएगी तो तुझे कम-कम-से छुट्टी तो मिल जाएगी। फिर रोहित, वह तो लड़का है उसकी कोई ऐसी बात नहीं है।” बुआजी ने बहुत विश्वास के साथ कहा।
किसके विवाह की चिंता कर रही है?

उत्तर:
बुआ अपनी भतीजी मीनू और आशा की विवाह की चिंता कर रही है। मीनू और आशा के पिता की तबियत भी खराब रहती थी और ऊपर से अभी तक मीनू और आशा का विवाह भी न हुआ था अत: बुआ इनके विवाह की चिंता कर रही है।

प्रश्न च-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“भइया, मैं सच कह रही हूँ। जवान बेटियों की तो बड़ी भारी जिम्मेदारी होती है। इनकी शादी हो जाएगी तो तुझे कम-कम-से छुट्टी तो मिल जाएगी। फिर रोहित, वह तो लड़का है उसकी कोई ऐसी बात नहीं है।” बुआजी ने बहुत विश्वास के साथ कहा।
हमारे समाज में लड़के के विवाह की अपेक्षा लड़की के विवाह को आज इतना महत्त्व क्यों दिया जाता है?

उत्तर:
हमारे समाज में स्त्री को दोयम दर्जे का समझा जाता है। माता-पिता बेटी को एक भार और बोझ समझते हैं। बेटी को पराया धन समझा जाता है। उसके विपरीत बेटे को घर का चिराग और कुलदीपक समझा जाता है। और यही कारण है कि लड़की के विवाह को हमारे समाज में इतना अधिक महत्त्व दिया जाता है। माता-पिता को लगता है कि बेटी के विवाह से उनके सिर से एक बड़ी भारी जिम्मेदारी उतर जाएगी।

प्रश्न च-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“भइया, मैं सच कह रही हूँ। जवान बेटियों की तो बड़ी भारी जिम्मेदारी होती है। इनकी शादी हो जाएगी तो तुझे कम-कम-से छुट्टी तो मिल जाएगी। फिर रोहित, वह तो लड़का है उसकी कोई ऐसी बात नहीं है।” बुआजी ने बहुत विश्वास के साथ कहा।
प्रस्तुत पंक्तियों के अर्थ अपने शब्दों में व्यक्त करो।

उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियों का अर्थ यह है कि बेटियाँ माता-पिता की बड़ी जिम्मेदारियाँ होती है। वे उनका विवाह करके ही इस जिम्मेदारी से मुक्त हो सकते हैं।

प्रश्न छ-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
तभी नीलिमा ने मीनू को शादी के बारे में पूछ लिया, “मीनू, तू शादी नहीं कर रही है अभी? मैंने सुना है आशा का रिश्ता हो गया है।”
“हाँ नीलिमा ! आशा का रिश्ता हो गया है। लड़का इंजीनियर है। घर भी अच्छा है।”
“पर मीनू, तू शादी के लिए तैयार क्यों नहीं है?” “नीलिमा ने पूछा।
“नीलिमा, अब मैं कुछ निराश सी हो गई हूँ। कौन करेगा मुझसे शादी?”
नीलिमा कौन है? वह मीनू को राय क्यों दे रही है?

उत्तर:
नीलिमा मीनू की हमउम्र और उसकी अभिन्न मित्र है। वह मीनू को विवाह करने की सलाह दे रही है। नीलिमा को जब पता चलता है कि मीनू की छोटी बहन का रिश्ता तय हो गया है और मीनू ने शादी न करने का निर्णय लिया है तो उसे विवाह समय पर करने की राय देती है।

प्रश्न छ-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
तभी नीलिमा ने मीनू को शादी के बारे में पूछ लिया, “मीनू, तू शादी नहीं कर रही है अभी? मैंने सुना है आशा का रिश्ता हो गया है।”
“हाँ नीलिमा ! आशा का रिश्ता हो गया है। लड़का इंजीनियर है। घर भी अच्छा है।”
“पर मीनू, तू शादी के लिए तैयार क्यों नहीं है?” “नीलिमा ने पूछा।
“नीलिमा, अब मैं कुछ निराश सी हो गई हूँ। कौन करेगा मुझसे शादी?”
शादी के नाम से मीनू उदास क्यों हो जाती है?

उत्तर:
मीनू का रिश्ता कई बार साधारण रंग-रूप होने के कारण ठुकराया जा चुका है इसलिए जब उसकी सहेली नीलिमा उसकी शादी के विषय में पूछताछ करती है तो वह उदास हो जाती है।

प्रश्न छ-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
तभी नीलिमा ने मीनू को शादी के बारे में पूछ लिया, “मीनू, तू शादी नहीं कर रही है अभी? मैंने सुना है आशा का रिश्ता हो गया है।”
“हाँ नीलिमा ! आशा का रिश्ता हो गया है। लड़का इंजीनियर है। घर भी अच्छा है।”
“पर मीनू, तू शादी के लिए तैयार क्यों नहीं है?” “नीलिमा ने पूछा।
“नीलिमा, अब मैं कुछ निराश सी हो गई हूँ। कौन करेगा मुझसे शादी?”
नीलिमा उसकी शादी के लिए उत्साहित क्यों है?

उत्तर:
नीलिमा और मीनू हमउम्र सहेलियाँ हैं। नीलिमा की शादी हो चुकी है और वह चाहती है कि उसकी सहेली मीनू का भी विवाह हो जाय इसलिए वह उसकी शादी के लिए उत्साहित है।

प्रश्न छ-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
तभी नीलिमा ने मीनू को शादी के बारे में पूछ लिया, “मीनू, तू शादी नहीं कर रही है अभी? मैंने सुना है आशा का रिश्ता हो गया है।”
“हाँ नीलिमा ! आशा का रिश्ता हो गया है। लड़का इंजीनियर है। घर भी अच्छा है।”
“पर मीनू, तू शादी के लिए तैयार क्यों नहीं है?” “नीलिमा ने पूछा।
“नीलिमा, अब मैं कुछ निराश सी हो गई हूँ। कौन करेगा मुझसे शादी?”
“कौन करेगा मुझसे शादी?” भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
यहाँ पर नीलिमा के प्रश्न के उत्तर में मीनू के मुँह से यह उद्गार निकलते हैं। मीनू का रिश्ता बहुत बार ठुकराया जा चुका था उसे अब अपने विवाह की कोई उम्मीद नहीं बची थी ऐसे मैं अपनी सहेली के इस प्रश्न से वह निराश हो जाती है और कहती है कि अब कौन उसके साथ शादी करेगा।

प्रश्न ज-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
यह कैसी विचित्र घड़ी होती है। माता-पिता जिस बेटी का लालन-पालन इतने वर्षों तक लाड़-प्यार करते हैं, उसी बेटी को सदा के लिए दूसरे के हाथों में सौंप देते हैं। हर पल रहने वाली बिटिया के लिए वह घर पराया हो जाता है। घर ही क्या, बिटिया भी तो पराया धन ही हो जाती है।
यहाँ विचित्र घड़ी से क्या उद्देश्य है?

उत्तर:
यहाँ पर विचित्र घड़ी से उद्देश्य बेटी के विवाह से है। यहाँ पर कहने का तात्पर्य यह है कि जिस बेटी का माता-पिता लालन-पालन बड़े ही प्यार से करते हैं अंत में एक दिन वे उसे किसी दूसरे के हाथों कैसे सौंप पाते हैं।

प्रश्न ज-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
यह कैसी विचित्र घड़ी होती है। माता-पिता जिस बेटी का लालन-पालन इतने वर्षों तक लाड़-प्यार करते हैं, उसी बेटी को सदा के लिए दूसरे के हाथों में सौंप देते हैं। हर पल रहने वाली बिटिया के लिए वह घर पराया हो जाता है। घर ही क्या, बिटिया भी तो पराया धन ही हो जाती है।
किसका विवाह हो रहा है?

उत्तर:
यहाँ पर मीनू की छोटी बहन आशा का विवाह हो रहा है।

प्रश्न ज-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
यह कैसी विचित्र घड़ी होती है। माता-पिता जिस बेटी का लालन-पालन इतने वर्षों तक लाड़-प्यार करते हैं, उसी बेटी को सदा के लिए दूसरे के हाथों में सौंप देते हैं। हर पल रहने वाली बिटिया के लिए वह घर पराया हो जाता है। घर ही क्या, बिटिया भी तो पराया धन ही हो जाती है।
वर्षों के लाड़-प्यार के बाद लड़की को बिछुड़ना क्यों पड़ता है?

उत्तर:
हमारे समाज में बेटी पराया धन मानी जाती है। प्रत्येक माता-पिता एक अमानत के तौर पर बेटी की देखभाल करते हैं। इसलिए वर्षों के लाड़-प्यार के बाद लड़की को बिछुड़ना पड़ता है।

प्रश्न ज-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
यह कैसी विचित्र घड़ी होती है। माता-पिता जिस बेटी का लालन-पालन इतने वर्षों तक लाड़-प्यार करते हैं, उसी बेटी को सदा के लिए दूसरे के हाथों में सौंप देते हैं। हर पल रहने वाली बिटिया के लिए वह घर पराया हो जाता है। घर ही क्या, बिटिया भी तो पराया धन ही हो जाती है।
‘बेटी पराया धन होती है’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
बेटी पराया धन होती है इसका अर्थ यह है कि बेटियों का बड़े प्यार से लालन-पालन किया जाता है और एक दिन उनका विवाह होकर वे दूसरों के घर चली जाती है इसलिए उन्हें पराया धन कहा जाता है।

प्रश्न झ-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
उन्होंने लिफाफा खोलकर देखा तो वे प्रसन्न हो गईं। उनके भतीजे दीपक की शादी का कार्ड था। कितनी प्रसन्न थीं आज वह। उनको अपने भाई के पास गए हुए भी कई वर्ष हो गए थे। उन्होंने सोचा कि इस बार वे शादी में जाएँगी, तब कुछ दिनों के लिए वहाँ रुकेंगी।
दीपक कौन है? वक्ता का उससे क्या संबंध है?

उत्तर:
दीपक अमित की माँ के भाई का बेटा है। इस रिश्ते से अमित की माँ दीपक की बुआ है।

प्रश्न झ-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
उन्होंने लिफाफा खोलकर देखा तो वे प्रसन्न हो गईं। उनके भतीजे दीपक की शादी का कार्ड था। कितनी प्रसन्न थीं आज वह। उनको अपने भाई के पास गए हुए भी कई वर्ष हो गए थे। उन्होंने सोचा कि इस बार वे शादी में जाएँगी, तब कुछ दिनों के लिए वहाँ रुकेंगी।
शादी में जाने के लिए वे इतना उत्साहित क्यों है?

उत्तर:
अमित की माँ शादी में जाने को उत्साहित इसलिए है क्योंकि दीपक उनके भाई का लड़का है और साथ ही कई वर्षों के बाद वे अपने भाई से इस विवाह के कारण मिल पाएँगी।

प्रश्न झ-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
उन्होंने लिफाफा खोलकर देखा तो वे प्रसन्न हो गईं। उनके भतीजे दीपक की शादी का कार्ड था। कितनी प्रसन्न थीं आज वह। उनको अपने भाई के पास गए हुए भी कई वर्ष हो गए थे। उन्होंने सोचा कि इस बार वे शादी में जाएँगी, तब कुछ दिनों के लिए वहाँ रुकेंगी।
‘शादी शब्द सुनकर एक अजीब प्रसन्नता यहाँ क्यों छा जाती है?

उत्तर:
अमित का रिश्ता सरिता से टूट जाने के बाद से इस घर में अजीब-सी शांति छा गई थी घर के सभी सदस्य अपने-अपने काम से निकल जाते थे और अमित की माँ घर में अकेली रह जाती थी इसलिए शादी शब्द सुनकर एक अजीब प्रसन्नता यहाँ छा जाती है।

प्रश्न झ-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
उन्होंने लिफाफा खोलकर देखा तो वे प्रसन्न हो गईं। उनके भतीजे दीपक की शादी का कार्ड था। कितनी प्रसन्न थीं आज वह। उनको अपने भाई के पास गए हुए भी कई वर्ष हो गए थे। उन्होंने सोचा कि इस बार वे शादी में जाएँगी, तब कुछ दिनों के लिए वहाँ रुकेंगी।
शादी के पीछे छिपे भाव को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
यहाँ पर शादी के पीछे छिपे अमित की माँ के मन में हुई खुशी के भाव से है। अमित की माँ पिछले कई वर्षों से अपने भाई से नहीं मिल पाई थी अब इस शादी के अवसर पर वह शादियों की खुशियों के साथ अपने भाई से भी मिल पाएँगी।

प्रश्न ट-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
एक घंटे का समय कहाँ व्यतीत करे, उसकी कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। तभी उसने एक पत्रिका खरीदी और पास में पड़ी बेंच पर बैठकर पढ़ने लगी। हर दस मिनट के बाद उसकी नज़र घड़ी पर चली जाती। एक-एक पल काटना कठिन हो रहा था।
वक्ता परेशान क्यों है?

उत्तर:
वक्ता मीनू अमित के एक्सीडेंट हो जाने के कारण परेशान है।

प्रश्न ट-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
एक घंटे का समय कहाँ व्यतीत करे, उसकी कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। तभी उसने एक पत्रिका खरीदी और पास में पड़ी बेंच पर बैठकर पढ़ने लगी। हर दस मिनट के बाद उसकी नज़र घड़ी पर चली जाती। एक-एक पल काटना कठिन हो रहा था।
उसे यह समय बहुत लंबा क्यों लग रहा है?

उत्तर:
मीनू को जब नीलिमा से अमित के एक्सीडेंट की खबर मिलती है तो वह उसे देखने के लिए मेडिकल कॉलेज पहुँच जाती है परंतु वहाँ जाने के बाद उसे पता चलता है कि मरीजों से मिलने का समय सुबह के दस बजे से है और उस समय नौ बजे थे और वह जल्द से जल्द अमित को मिलना चाहती थी इसलिए उसे वह समय लंबा लग रहा था।

प्रश्न ट-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
एक घंटे का समय कहाँ व्यतीत करे,उसकी कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। तभी उसने एक पत्रिका खरीदी और पास में पड़ी बेंच पर बैठकर पढ़ने लगी। हर दस मिनट के बाद उसकी नज़र घड़ी पर चली जाती। एक-एक पल काटना कठिन हो रहा था।
इस इंतजार का वास्तविक उद्देश्य क्या है?

उत्तर:
इस इंतजार का वास्तविक उद्देश्य यह है कि मीनू के मन में अमित के प्रति जो घृणा थी वह अब स्नेह में बदल गई है। इसलिए वह अमित की एक्सीडेंट की खबर सुनकर बैचैन हो जाती है और जल्द से जल्द उससे मिलना चाहती है।

प्रश्न ट-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
एक घंटे का समय कहाँ व्यतीत करे, उसकी कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। तभी उसने एक पत्रिका खरीदी और पास में पड़ी बेंच पर बैठकर पढ़ने लगी। हर दस मिनट के बाद उसकी नज़र घड़ी पर चली जाती। एक-एक पल काटना कठिन हो रहा था।
यह कथन किस परिप्रेक्ष्य में कहा गया है?

उत्तर:
यह कथन अमित के एक्सीडेंट और मीनू के मन परिवर्तन के परिपेक्ष्य में कहा गया है। मीनू अपना रिश्ता अमित द्वारा ठुकराए जाने के कारण उसे पसंद नहीं करती परंतु नीलिमा द्वारा सच जानने के बाद मीनू का मन परिवर्तन हो गया था और अब वह अमित से स्नेह करने लगी थी।

प्रश्न ठ-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
परन्तु दूसरे ही क्षण मीनू के कदम अस्पताल की ओर बढ़ चले। उसके ह्रदय में एक अंतर्द्वंद्व था उसका अस्पताल में जाना उचित होगा या नहीं। कई बार उसको अंत:प्रेरणा ने उसे वापस मुड़ जाने के लिए प्रेरित किया, परंतु अंतर्द्वंद्व में फैसला नहीं कर पायी। उसके कदम अस्पताल की ओर बढ़ते गए उसने देखा कि वह अस्पताल के सामने खड़ी थी।
मीनू ने अमित के कमरे में प्रवेश किया, तो देखा कि अमित अपने पलंग पर लेटा हुआ अपनी माँ से बातें का रहा था। मीनू को देखकर उन्होंने उसे प्रेमपूर्वक बैठाया उसे देखकर अमित के मुरझाए चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।
तभी माँ ने मीनू से पूछा, “मीनू तुम्हारी वकालत तो पूरी हो गई है ना?”
“हाँ आंटी ! मैंने प्रथम श्रेणी में वकालत पास कर ली है और अब यहाँ मेरठ में ही प्रेक्टिस भी शुरू कर दी है।”
अमित मीनू के आने से खुश क्यों हो गया?

उत्तर:
अमित ने मीनू का रिश्ता ठुकराकर मीनू के दिल को ठेस पहुँचाई थी इसलिए इस तरह मीनू के अस्पताल में आकर उसे मिलने से अमित खुश हो गया।

प्रश्न ठ-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
परन्तु दूसरे ही क्षण मीनू के कदम अस्पताल की ओर बढ़ चले। उसके ह्रदय में एक अंतर्द्वंद्व था उसका अस्पताल में जाना उचित होगा या नहीं। कई बार उसको अंत:प्रेरणा ने उसे वापस मुड़ जाने के लिए प्रेरित किया, परंतु अंतर्द्वंद्व में फैसला नहीं कर पायी। उसके कदम अस्पताल की ओर बढ़ते गए उसने देखा कि वह अस्पताल के सामने खड़ी थी।
मीनू ने अमित के कमरे में प्रवेश किया, तो देखा कि अमित अपने पलंग पर लेटा हुआ अपनी माँ से बातें का रहा था। मीनू को देखकर उन्होंने उसे प्रेमपूर्वक बैठाया उसे देखकर अमित के मुरझाए चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।
तभी माँ ने मीनू से पूछा, “मीनू तुम्हारी वकालत तो पूरी हो गई है ना?”
“हाँ आंटी ! मैंने प्रथम श्रेणी में वकालत पास कर ली है और अब यहाँ मेरठ में ही प्रेक्टिस भी शुरू कर दी है।”
यह वार्तालाप किस-किस के मध्य चल रहा है? उनका आपस में क्या संबंध है?

उत्तर:
यह वार्तालाप मीनू और अमित की माँ के मध्य चल रहा है। उनका आपस में वैसे सीधा कोई संबंध नहीं है। वैसे अमित की माँ ने एक बार मीनू का रिश्ता अमीर घर की लड़की सरिता के लिए ठुकराया था।

प्रश्न ठ-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
परन्तु दूसरे ही क्षण मीनू के कदम अस्पताल की ओर बढ़ चले। उसके ह्रदय में एक अंतर्द्वंद्व था उसका अस्पताल में जाना उचित होगा या नहीं। कई बार उसको अंत:प्रेरणा ने उसे वापस मुड़ जाने के लिए प्रेरित किया, परंतु अंतर्द्वंद्व में फैसला नहीं कर पायी। उसके कदम अस्पताल की ओर बढ़ते गए उसने देखा कि वह अस्पताल के सामने खड़ी थी।
मीनू ने अमित के कमरे में प्रवेश किया, तो देखा कि अमित अपने पलंग पर लेटा हुआ अपनी माँ से बातें का रहा था। मीनू को देखकर उन्होंने उसे प्रेमपूर्वक बैठाया उसे देखकर अमित के मुरझाए चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।
तभी माँ ने मीनू से पूछा, “मीनू तुम्हारी वकालत तो पूरी हो गई है ना?”
“हाँ आंटी ! मैंने प्रथम श्रेणी में वकालत पास कर ली है और अब यहाँ मेरठ में ही प्रेक्टिस भी शुरू कर दी है।”
वक्ता के वकालत पास करने से उन्हें विशेष खुशी क्यों हो रही है?

उत्तर:
अमित का एक्सीडेंट हो गया था और ऐसे में कोई लड़की अमित से मिलने आती है। और पूछताछ करने पर जब उन्हें पता चलता है कि वह कोई साधारण लड़की न होकर वकील है तो वक्ता बड़ी खुश होती है।

प्रश्न ठ-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
परन्तु दूसरे ही क्षण मीनू के कदम अस्पताल की ओर बढ़ चले। उसके ह्रदय में एक अंतर्द्वंद्व था उसका अस्पताल में जाना उचित होगा या नहीं। कई बार उसको अंत:प्रेरणा ने उसे वापस मुड़ जाने के लिए प्रेरित किया, परंतु अंतर्द्वंद्व में फैसला नहीं कर पायी। उसके कदम अस्पताल की ओर बढ़ते गए उसने देखा कि वह अस्पताल के सामने खड़ी थी।
मीनू ने अमित के कमरे में प्रवेश किया, तो देखा कि अमित अपने पलंग पर लेटा हुआ अपनी माँ से बातें का रहा था। मीनू को देखकर उन्होंने उसे प्रेमपूर्वक बैठाया उसे देखकर अमित के मुरझाए चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई।
तभी माँ ने मीनू से पूछा, “मीनू तुम्हारी वकालत तो पूरी हो गई है ना?”
“हाँ आंटी ! मैंने प्रथम श्रेणी में वकालत पास कर ली है और अब यहाँ मेरठ में ही प्रेक्टिस भी शुरू कर दी है।”
इन पंक्तियों का भाव अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर:
इन पंक्तियों का भाव यह है कि मीनू फैसला नहीं कर पा रही थी कि जिस लड़के ने उसे ठुकराया है वह उसी से मिलने अस्पताल जाएँ या नहीं।

प्रश्न ड-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह समझ नहीं पा रही थी कि हमारे समाज में स्त्री पुरुष में इतना भेद क्यों? यदि कोई लड़का अकेला रहता है तो समाज उस पर अंगुलियाँ नहीं उठाता, चाहे वह कितना ही अपराध क्यों न करता हो परंतु एक लड़की, चाहे वह कितना ही संयम शील जीवन क्यों न व्यतीत करती हो, फिर समाज उस पर दोषारोपण करता है।
किसी बातें सुनकर वक्ता इतनी परेशान है?

उत्तर:
मीनू जहाँ रहती थी वहीँ पर उनके पड़ोस में एक महिला रहती थी जिसे मीनू मौसी के नाम से संबोधित करती थी। यह पड़ोस वाली मौसी उसे एक दिन बस में मिल जाती है। वह एक अन्य महिला के साथ मीनू के अभी तक अविवाहित रहने की बात करती है और यह बातें सुनकर वह आहत हो जाती है।

प्रश्न ड-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह समझ नहीं पा रही थी कि हमारे समाज में स्त्री पुरुष में इतना भेद क्यों? यदि कोई लड़का अकेला रहता है तो समाज उस पर अंगुलियाँ नहीं उठाता, चाहे वह कितना ही अपराध क्यों न करता हो परंतु एक लड़की, चाहे वह कितना ही संयम शील जीवन क्यों न व्यतीत करती हो, फिर समाज उस पर दोषारोपण करता है।
समाज में स्त्री पुरुष में इतना भेद क्यों है?

उत्तर:
हमारे समाज में पहले से ही लड़की और लड़के में अंतर किया जाता रहा है। लड़का कितनी भी गलती करें उसे कभी कोई कुछ नहीं कहता परंतु यदि लड़की छोटी भी गलती करे तो पूरा समाज उस पर दोषारोपण करने लगता है।

प्रश्न ड-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह समझ नहीं पा रही थी कि हमारे समाज में स्त्री पुरुष में इतना भेद क्यों? यदि कोई लड़का अकेला रहता है तो समाज उस पर अंगुलियाँ नहीं उठाता, चाहे वह कितना ही अपराध क्यों न करता हो। परंतु एक लड़की, चाहे वह कितना ही संयम शील जीवन क्यों न व्यतीत करती हो, फिर समाज उस पर दोषारोपण करता है।
लड़की के जीवन में इतनी कठिनाईयाँ क्यों आती है?

उत्तर:
बचपन से ही लड़की को लड़कों से कम समझा और आँका जाता है इसलिए जब कभी कोई लड़की लड़कों के साथ बराबरी या कुछ अलग करने की कोशिश करती है तो पूरा समाज उसके विरुद्ध खड़ा हो जाता है इसलिए लड़की के जीवन में इतनी कठिनाईयाँ आती है।

प्रश्न ड-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह समझ नहीं पा रही थी कि हमारे समाज में स्त्री पुरुष में इतना भेद क्यों? यदि कोई लड़का अकेला रहता है तो समाज उस पर अंगुलियाँ नहीं उठाता, चाहे वह कितना ही अपराध क्यों न करता हो परंतु एक लड़की,चाहे वह कितना ही संयम शील जीवन क्यों न व्यतीत करती हो, फिर समाज उस पर दोषारोपण करता है।
इन पक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए?

उत्तर:
इन पंक्तियों का भाव लड़का और लड़की में भेद से है। यहाँ पर कहने का तात्पर्य यह है कि इस भेद के कारण लड़की अपने आप को कम समझने लगती है। उसके छोटे से भी अपराध को बहुत बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जाता है उसी जगह पर लड़का कितना भी अपराध क्यों न करे उसे कोई कुछ नहीं कहता है।

प्रश्न ढ-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मीनू दुल्हन बनी, उसकी डोली सजी और अपने पिया संग ससुराल को चल दी। मीनू को पा लेने पर अमित भी अब अपने को भाग्यशाली अनुभव कर रहा था।
दुल्हन के रूप में सजी मीनू आज साधारण पढ़ी मीनू नहीं, वरन् एक प्रसिद्ध वकील मीनू थी, जिसने आत्मविश्वास व लगन से विशेष ख्याति प्राप्त कर ली थी।
आज वह अपनी मंजिल तक पहुँच चुकी थी, जिसकी उसे तलाश थी।
‘आज मीनू का सपना पूरा हो गया’ स्पष्ट करो।

उत्तर:
यहाँ पर कहने का तात्पर्य यह है कि साधारण रंग-रूप की होने के कारण जहाँ उसे ठुकरा दिया था उसी परिवार ने बाद में उसे सिर आँखों पर उठाकर उसे अपने घर की बहू बना लिया था। साथ ही उसने अपने वकील बनने के लक्ष्य को भी पा लिया था।

प्रश्न ढ-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मीनू दुल्हन बनी,उसकी डोली सजी और अपने पिया संग ससुराल को चल दी। मीनू को पा लेने पर अमित भी अब अपने को भाग्यशाली अनुभव कर रहा था।
दुल्हन के रूप में सजी मीनू आज साधारण पढ़ी मीनू नहीं, वरन् एक प्रसिद्ध वकील मीनू थी, जिसने आत्मविश्वास व लगन से विशेष ख्याति प्राप्त कर ली थी।
आज वह अपनी मंजिल तक पहुँच चुकी थी, जिसकी उसे तलाश थी।
क्या वकील बनना ही मीनू की मंजिल थी?

उत्तर:
हाँ वकील बनना ही मीनू की मंजिल थी।

प्रश्न ढ-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मीनू दुल्हन बनी, उसकी डोली सजी और अपने पिया संग ससुराल को चल दी। मीनू को पा लेने पर अमित भी अब अपने को भाग्यशाली अनुभव कर रहा था।
दुल्हन के रूप में सजी मीनू आज साधारण पढ़ी मीनू नहीं, वरन् एक प्रसिद्ध वकील मीनू थी, जिसने आत्मविश्वास व लगन से विशेष ख्याति प्राप्त कर ली थी।
आज वह अपनी मंजिल तक पहुँच चुकी थी, जिसकी उसे तलाश थी।
सामाजिक बंधन से क्या मीनू मुक्त हो सकी?

उत्तर:
मीनू अमित से विवाह के बंधन में बंधने से सामजिक बंधन से मुक्त हो गई। हमारे समाज में लड़की कितनी भी सफलता क्यों न प्राप्त कर ले परंतु जब तक वह शादी करके अपना घर नहीं बसा लेती तब तक समाज उस पर दवाब बना रहता है।

प्रश्न ढ -iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मीनू दुल्हन बनी, उसकी डोली सजी और अपने पिया संग ससुराल को चल दी। मीनू को पा लेने पर अमित भी अब अपने को भाग्यशाली अनुभव कर रहा था।
दुल्हन के रूप में सजी मीनू आज साधारण पढ़ी मीनू नहीं, वरन् एक प्रसिद्ध वकील मीनू थी, जिसने
आत्मविश्वास व लगन से विशेष ख्याति प्राप्त कर ली थी।
आज वह अपनी मंजिल तक पहुँच चुकी थी, जिसकी उसे तलाश थी।
‘विशेष ख्याति’ से क्या तात्पर्य है?

उत्तर:
‘विशेष ख्याति’ से यहाँ तात्पर्य मीनू के वकील बनने से है। मीनू ने अपनी लगन और परिश्रम के बलबूते पर अपना वकील बनने का लक्ष्य पूरा किया।

ICSE Class 10 Hindi Solutions साहित्य सागर – विनय के पद [कविता]

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प्रश्न क-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
ऐसो कौ उदार जग माहीं।
बिनु सेवा जो द्रवे दीन पर, राम सरस कोउ नाहीं॥
जो गति जोग बिराग जतन करि नहिं पावत मुनि ज्ञानी।
सो गति देत गीध सबरी कहँ प्रभु न बहुत जिय जानी॥
जो संपति दस सीस अरप करि रावन सिव पहँ लीन्हीं।
सो संपदा विभीषण कहँ अति सकुच सहित हरि दीन्ही॥
तुलसीदास सब भांति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो।
तौ भजु राम, काम सब पूरन करहि कृपानिधि तेरो॥
तुलसीदासजी किसके भजन के लिए कह रहे हैं?

उत्तर:
तुलसीदासजी भगवान श्री राम के भजन के लिए कह रहे हैं।

प्रश्न क-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
ऐसो कौ उदार जग माहीं।
बिनु सेवा जो द्रवे दीन पर, राम सरस कोउ नाहीं॥
जो गति जोग बिराग जतन करि नहिं पावत मुनि ज्ञानी।
सो गति देत गीध सबरी कहँ प्रभु न बहुत जिय जानी॥
जो संपति दस सीस अरप करि रावन सिव पहँ लीन्हीं।
सो संपदा विभीषण कहँ अति सकुच सहित हरि दीन्ही॥
तुलसीदास सब भांति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो।
तौ भजु राम, काम सब पूरन करहि कृपानिधि तेरो॥
श्री राम ने परम गति किस-किस को प्रदान की?

उत्तर :
श्री राम ने जटायु जैसे सामान्य गीध पक्षी और शबरी जैसी सामान्य स्त्री को परम गति प्रदान की।

प्रश्न क-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
ऐसो कौ उदार जग माहीं।
बिनु सेवा जो द्रवे दीन पर, राम सरस कोउ नाहीं॥
जो गति जोग बिराग जतन करि नहिं पावत मुनि ज्ञानी।
सो गति देत गीध सबरी कहँ प्रभु न बहुत जिय जानी॥
जो संपति दस सीस अरप करि रावन सिव पहँ लीन्हीं।
सो संपदा विभीषण कहँ अति सकुच सहित हरि दीन्ही॥
तुलसीदास सब भांति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो।
तौ भजु राम, काम सब पूरन करहि कृपानिधि तेरो॥
रावण को कैसे वैभव प्राप्त हुआ?

उत्तर:
रावण ने भगवान शंकर को अपने दस सिर अर्पण करके वैभव की प्राप्ति की।

प्रश्न क-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
ऐसो कौ उदार जग माहीं।
बिनु सेवा जो द्रवे दीन पर, राम सरस कोउ नाहीं॥
जो गति जोग बिराग जतन करि नहिं पावत मुनि ज्ञानी।
सो गति देत गीध सबरी कहँ प्रभु न बहुत जिय जानी॥
जो संपति दस सीस अरप करि रावन सिव पहँ लीन्हीं।
सो संपदा विभीषण कहँ अति सकुच सहित हरि दीन्ही॥
तुलसीदास सब भांति सकल सुख जो चाहसि मन मेरो।
तौ भजु राम, काम सब पूरन करहि कृपानिधि तेरो॥
राम ने कौन-सी संपत्ति विभीषण को दे दी?

उत्तर:
रावण ने जो संपत्ति अपने दस सिर अर्पण करके प्राप्त की थी उसे श्री राम ने अत्यंत संकोच के साथ विभीषण को दे दी।

प्रश्न ख-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
जाके प्रिय न राम वैदेही
तजिए ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही।
सो छोड़िये
तज्यो पिता प्रहलाद, विभीषन बंधु, भरत महतारी।
बलिगुरु तज्यो कंत ब्रजबनितन्हि, भये मुद मंगलकारी।
नाते नेह राम के मनियत सुहृद सुसेव्य जहां लौं।
अंजन कहां आंखि जेहि फूटै, बहुतक कहौं कहां लौं।
तुलसी सो सब भांति परमहित पूज्य प्रान ते प्यारो।
जासों हाय सनेह राम-पद, एतोमतो हमारो।।
कवि के अनुसार हमें किसका त्याग करना चाहिए?

उत्तर:
कवि के अनुसार जिन लोगों के प्रिय राम-जानकी जी नहीं है उनका त्याग करना चाहिए।

प्रश्न ख-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
जाके प्रिय न राम वैदेही
तजिए ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही।
सो छोड़िये तज्यो पिता प्रहलाद, विभीषन बंधु, भरत महतारी।
बलिगुरु तज्यो कंत ब्रजबनितन्हि, भये मुद मंगलकारी।
नाते नेह राम के मनियत सुहृद सुसेव्य जहां लौं।
अंजन कहां आंखि जेहि फूटै, बहुतक कहौं कहां लौं।
तुलसी सो सब भांति परमहित पूज्य प्रान ते प्यारो।
जासों हाय सनेह राम-पद, एतोमतो हमारो।।
उदाहरण देकर लिखिए किन लोगों ने भगवान के प्यार में अपनों को त्यागा।

उत्तर:
प्रह्लाद ने अपने पिता हिरण्यकशिपु को, विभीषण ने अपने भाई रावण को, बलि ने अपने गुरु शुक्राचार्य को और ब्रज की गोपियों ने अपने-अपने पतियों को भगवान प्राप्ति को बाधक समझकर त्याग दिया।

प्रश्न ख-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
जाके प्रिय न राम वैदेही
तजिए ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही।
सो छोड़िये तज्यो पिता प्रहलाद, विभीषन बंधु, भरत महतारी।
बलिगुरु तज्यो कंत ब्रजबनितन्हि, भये मुद मंगलकारी।
नाते नेह राम के मनियत सुहृद सुसेव्य जहां लौं।
अंजन कहां आंखि जेहि फूटै, बहुतक कहौं कहां लौं।
तुलसी सो सब भांति परमहित पूज्य प्रान ते प्यारो।
जासों हाय सनेह राम-पद, एतोमतो हमारो।।
जिस अंजन को लगाने से आँखें फूट जाएँ क्या वो काम का होता है?

उत्तर:
नहीं जिस अंजन को लगाने से आँखें फूट जाएँ वो किसी काम का नहीं होता है।

प्रश्न ख-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
जाके प्रिय न राम वैदेही
तजिए ताहि कोटि बैरी सम, जद्यपि परम सनेही।
सो छोड़िये तज्यो पिता प्रहलाद, विभीषन बंधु, भरत महतारी।
बलिगुरु तज्यो कंत ब्रजबनितन्हि, भये मुद मंगलकारी।
नाते नेह राम के मनियत सुहृद सुसेव्य जहां लौं।
अंजन कहां आंखि जेहि फूटै, बहुतक कहौं कहां लौं।
तुलसी सो सब भांति परमहित पूज्य प्रान ते प्यारो।
जासों हाय सनेह राम-पद, एतोमतो हमारो।।
उपर्युक्त पद द्वारा तुलसीदास क्या संदेश दे रहे हैं?

उत्तर:
उपर्युक्त पद द्वारा तुलसीदास श्री राम की भक्ति का संदेश दे रहे है। तथा भगवान प्राप्ति के लिए त्याग करने को भी प्रेरित कर रहे हैं।

ICSE Class 10 Hindi Solutions एकांकी-संचय – बहू की विदा

ICSE Class 10 Hindi Solutions एकांकी-संचय – बहू की विदा

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प्रश्न क-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मेरे नाम पर जो धब्बा लगा, मेरी शान को जो ठेस पहुँची, भरी बिरादरी में जो हँसी हुई, उस करारी चोट का घाव आज भी हरा है। जाओ, कह देना अपनी माँ से कि अगर बेटी की विदा करना चाहती हो तो पहले उस घाव के लिए मरहम भेजें।
वक्ता और श्रोता कौन है?

उत्तर:
वक्ता जीवन लाल, कमला के ससुर है और श्रोता प्रमोद है जो अपनी बहन कमला की विदा के लिए उसके ससुराल आया है।

प्रश्न क-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मेरे नाम पर जो धब्बा लगा, मेरी शान को जो ठेस पहुँची, भरी बिरादरी में जो हँसी हुई, उस करारी चोट का घाव आज भी हरा है। जाओ, कह देना अपनी माँ से कि अगर बेटी की विदा करना चाहती हो तो पहले उस घाव के लिए मरहम भेजें।
वक्ता का चरित्र चित्रण कीजिए।

उत्तर :
यहाँ वक्ता जीवन लाल है। जीवन लाल अत्यंत लोभी, लालची और असंवेदनशील व्यक्ति है।

प्रश्न क-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मेरे नाम पर जो धब्बा लगा, मेरी शान को जो ठेस पहुँची, भरी बिरादरी में जो हँसी हुई, उस करारी चोट का घाव आज भी हरा है। जाओ, कह देना अपनी माँ से कि अगर बेटी की विदा करना चाहती हो तो पहले उस घाव के लिए मरहम भेजें।
जीवनलाल के अनुसार किस वजह से उनके नाम पर धब्बा लगा है?

उत्तर:
जीवनलाल के अनुसार बेटे की शादी में बहू कमला के परिवार वालों ने उनकी हैसियत के हिसाब से उनकी खातिरदारी नहीं की तथा कम दहेज दिया। इससे उनके मान पर धब्बा लगा है।

प्रश्न क-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
मेरे नाम पर जो धब्बा लगा, मेरी शान को जो ठेस पहुँची, भरी बिरादरी में जो हँसी हुई, उस करारी चोट का घाव आज भी हरा है। जाओ, कह देना अपनी माँ से कि अगर बेटी की विदा करना चाहती हो तो पहले उस घाव के लिए मरहम भेजें।
‘घाव के लिए मरहम भेजने’ का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
यहाँ पर ‘घाव के लिए मरहम भेजने’ का आशय दहेज से है। जीवन लाल शादी में कम दहेज मिलने के घाव को पाँच हजार रूपी मरहम देकर दूर करने कहते हैं।

प्रश्न ख-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
अब शराफत और इन्सानियत की दुहाई देते हो। कुछ देर पहले तो …
इस कथन की वक्ता का चरित्र चित्रण कीजिए।

उत्तर:
इस कथन की वक्ता राजेश्वरी है। यह जीवन लाल की पत्नी है। वह एक नेक दिल औरत है। धैर्यवान तथा ममता की मूर्ति है। वह अन्याय का विरोध करती है। वह अपने पति जीवन लाल की उपर्युक्त कथन द्वारा आँखें खोल देती है।

प्रश्न ख-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
अब शराफत और इन्सानियत की दुहाई देते हो। कुछ देर पहले तो …
शराफत और इन्सानियत की दुहाई कौन दे रहा है? क्यों?

उत्तर:
जीवन लाल शराफत और इन्सानियत की दुहाई दे रहा है क्योंकि दहेज देने के बावजूद उसकी बेटी गौरी के ससुराल वालों उसे दहेज कम पड़ने की वजह से उसके भाई के साथ विदा न करके उसे अपमानित किया।

प्रश्न ख-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
अब शराफत और इन्सानियत की दुहाई देते हो। कुछ देर पहले तो …
वक्ता ने श्रोता की किस बात के लिए आलोचना की?

उत्तर:
वक्ता राजेश्वरी ने अपने पति जीवन लाल की लोभी प्रवृत्ति और दोगले व्यवहार के लिए उसकी आलोचना की। क्योंकि दहेज देने के बावजूद उसकी बेटी गौरी के ससुराल वालों के उसे दहेज कम पड़ने की वजह से उसके भाई के साथ विदा न करके उसे अपमानित करने पर जीवन लाल जीवन लाल शराफत और इन्सानियत की दुहाई देते है। जबकि खुद अपनी बहू को दहेज के पाँच हजार कम पड़ने की वजह से उसके भाई के साथ विदा नहीं करते और अपमानित करते हैं।

प्रश्न ख-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
अब शराफत और इन्सानियत की दुहाई देते हो। कुछ देर पहले तो …
वक्ता ने श्रोता की आँखे किस प्रकार खोली?

उत्तर:
दहेज देने के बावजूद उसकी बेटी गौरी के ससुराल वालों के उसे दहेज कम पड़ने की वजह से उसके भाई के साथ विदा न करके उसे अपमानित करने पर जीवन लाल जीवन लाल शराफत और इन्सानियत की दुहाई देते हैं। तब वक्ता राजेश्वरी ने अपने पति जीवन लाल की आँखें खोलने के लिए कहा अब तुम शराफत और इन्सानियत की दुहाई दे रहे हो जबकि खुद अपनी बहू को दहेज के पाँच हजार कम पड़ने की वजह से उसके भाई के साथ विदा नहीं करते और अपमानित कर रहे हो।

प्रश्न ग-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
कभी-कभी चोट भी मरहम का काम कर जाती है, बेटा।
अरे, खड़ी-खड़ी हमारा मुँह क्या ताक रहो हो? अन्दर जाकर तैयारी क्यों नहीं करती है? बहू की विदा नहीं करनी है क्या?
‘कभी-कभी चोट भी मरहम का काम कर जाती है’ कथन से वक्ता का क्या अभिप्राय है?

उत्तर:
‘कभी-कभी चोट भी मरहम का काम कर जाती है’ कथन से वक्ता जीवन लाल का यह अभिप्राय है कि बहू भी बेटी होती है और इस बात का उन्हें अहसास हो गया है।

प्रश्न ग-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
कभी-कभी चोट भी मरहम का काम कर जाती है, बेटा। अरे, खड़ी-खड़ी हमारा मुँह क्या ताक रहो हो? अन्दर जाकर तैयारी क्यों नहीं करती है? बहू की विदा नहीं करनी है क्या?
वक्ता की बेटी के ससुराल वालों के किस काम से उनकी आँखें खुलीं?

उत्तर:
वक्ता जीवन लाल अपनी बेटी गौरी के ससुरालवालों को दहेज देने के बावजूद उसके ससुराल वालों ने उसे दहेज कम पड़ने की वजह से उसके भाई के साथ विदा न करके उसे अपमानित करने पर जीवन लाल की आँखें खुलीं।

प्रश्न ग-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
कभी-कभी चोट भी मरहम का काम कर जाती है, बेटा।
अरे, खड़ी-खड़ी हमारा मुँह क्या ताक रहो हो? अन्दर जाकर तैयारी क्यों नहीं करती है? बहू की विदा नहीं करनी है क्या?
उपर्युक्त कथन का श्रोता और उसकी बहन पर क्या प्रतिक्रिया हुई?

उत्तर:
उपर्युक्त कथन को सुनकर प्रमोद मुस्करा कर अपने जीजा रमेश की ओर देखने लगा तथा उसकी बहन कमला खुशी के आँसू पोंछती हुई अंदर चली गई।

प्रश्न ग-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
कभी-कभी चोट भी मरहम का काम कर जाती है, बेटा।
अरे, खड़ी-खड़ी हमारा मुँह क्या ताक रहो हो? अन्दर जाकर तैयारी क्यों नहीं करती है? बहू की विदा नहीं करनी है क्या?
क्या स्त्री शिक्षा दहेज प्रथा को समाप्त करने में सहायक हो सकती है? अपने विचार लिखिए।

उत्तर:
जी हाँ, स्त्री शिक्षा दहेज प्रथा को समाप्त करने में सहायक हो सकती है। शिक्षा से बेटियाँ खुद आत्मनिर्भर बनेंगी। समाज में बेटा-बेटी का फर्क मिट जाएगा तथा वे अपने अधिकार एंव अत्याचारों के प्रति सजग रहेंगी।

ICSE Class 10 Hindi Solutions साहित्य सागर – बात अठन्नी की

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प्रश्न क-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह सोचता, ”यहाँ इतने सालों से हूँ। अमीर लोग नौकरों पर विश्वास नहीं करते पर मुझपर यहाँ कभी किसी ने संदेह नहीं किया। यहाँ से जाऊँ तो शायद कोई ग्यारह-बारह दे दे, पर ऐसा आदर नहीं मिलेगा।”
उपर्युक्त वाक्य के वक्ता का परिचय दें।

उत्तर:
उपर्युक्त वाक्य का वक्ता इंजीनियर बाबू जगतसिंह का नौकर रसीला है। वह सालों से इंजीनियर बाबू जगतसिंह के यहाँ नौकर है।

प्रश्न क-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह सोचता, ”यहाँ इतने सालों से हूँ। अमीर लोग नौकरों पर विश्वास नहीं करते पर मुझपर यहाँ कभी किसी ने संदेह नहीं किया। यहाँ से जाऊँ तो शायद कोई ग्यारह-बारह दे दे, पर ऐसा आदर नहीं मिलेगा।”
रसीला बार-बार किससे, कौन-सी और क्यों प्रार्थना करता था?

उत्तर :
रसीला इंजीनियर बाबू जगतसिंह का नौकर था। वह सालों से इंजीनियर बाबू जगतसिंह के यहाँ नौकर था। उसे दस रूपए वेतन मिलता था। गाँव में उसके बूढ़े पिता, पत्नी, एक लड़की और दो लड़के थे। इन सबका भार उसी के कंधों पर था। इसी कारण वह बार-बार अपने मालिक इंजीनियर बाबू जगतसिंह से अपना वेतन बढ़ाने की प्रार्थना करता था।

प्रश्न क-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह सोचता, ”यहाँ इतने सालों से हूँ। अमीर लोग नौकरों पर विश्वास नहीं करते पर मुझपर यहाँ कभी किसी ने संदेह नहीं किया। यहाँ से जाऊँ तो शायद कोई ग्यारह-बारह दे दे, पर ऐसा आदर नहीं मिलेगा।”
वेतन की बात पर इंजीनियर बाबू जगतसिंह का जवाब क्या होता था?

उत्तर:
रसीला इंजीनियर बाबू जगतसिंह का नौकर था। वह सालों से इंजीनियर बाबू जगतसिंह के यहाँ नौकर था। उसे दस रूपए वेतन मिलता था। गाँव में उसके बूढ़े पिता, पत्नी, एक लड़की और दो लड़के थे। इन सबका भार उसी के कंधों पर था। इसी कारण वह बार-बार अपने मालिक इंजीनियर बाबू जगतसिंह से अपना वेतन बढ़ाने की माँग करता था। परंतु हर बार इंजीनियर साहब का यही जवाब होता था कि वे रसीला की तनख्वाह नहीं बढ़ाएँगे यदि उसे यहाँ से ज्यादा और कोई तनख्वाह देता है तो वह बेशक जा सकता है।

प्रश्न क-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
वह सोचता, ”यहाँ इतने सालों से हूँ। अमीर लोग नौकरों पर विश्वास नहीं करते पर मुझपर यहाँ कभी किसी ने संदेह नहीं किया। यहाँ से जाऊँ तो शायद कोई ग्यारह-बारह दे दे, पर ऐसा आदर नहीं मिलेगा।”
तनख्वाह न बढ़ाने के बावजूद रसीला नौकरी क्यों नहीं छोड़ना चाहता था?

उत्तर:
रसीला बार-बार अपने मालिक से तनख्वाह बढ़ाने की माँग करता था और हर बार उसकी माँग ठुकरा दी जाती थी परंतु इस सबके बावजूद रसीला यह नौकरी नहीं छोड़ना चाहता था क्योंकि वह जानता था कि अमीर लोग किसी पर विश्वास नहीं करते हैं। यहाँ पर रसीला सालों से नौकरी कर रहा था और कभी किसी ने उस पर संदेह नहीं किया था। दूसरी जगह भले उसे यहाँ से ज्यादा तनख्वाह मिले पर इस घर जैसा आदर नहीं मिलेगा।

प्रश्न ख-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
पहले तो रसीला छिपाता रहा। फिर रमजान ने कहा, ”कोई बात नहीं है, तो खाओ सौगंध।”
उपर्युक्त वाक्य के वक्ता तथा श्रोता का परिचय दें।

उत्तर:
उपर्युक्त वाक्य का वक्ता ज़िला मजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन का चौकीदार मियाँ रमजान हैं और वक्ता उनके पड़ोसी इंजीनियर बाबू जगतसिंह का नौकर रसीला है। दोनों बड़े ही अच्छे मित्र थे।

प्रश्न ख-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
पहले तो रसीला छिपाता रहा। फिर रमजान ने कहा, ”कोई बात नहीं है, तो खाओ सौगंध।”
वक्ता श्रोता को सौगंध खाने के लिए क्यों कहता है?

उत्तर:
एक दिन रमजान ने रसीला को बहुत ही उदास देखा। रमजान ने अपने मित्र रसीला की उदासी का कारण जानना चाहा परंतु रसीला उससे छिपाता रहा तब रमजान ने उसकी उदासी का कारण जानने के लिए उसे सौगंध खाने के लिए कहा।

प्रश्न ख-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
पहले तो रसीला छिपाता रहा। फिर रमजान ने कहा, ”कोई बात नहीं है, तो खाओ सौगंध।”
श्रोता की उदासी का कारण क्या था?

उत्तर:
श्रोता रसीला का परिवार गाँव में रहता था। उसके परिवार में बूढ़े पिता, पत्नी और तीन बच्चे थे। इन सबका भार उसी के कंधों पर था और रसीला को मासिक तनख्वाह मात्र दस रुपए मिलती थी पूरे पैसे भेजने के बाद भी घर का गुजारा नहीं हो पाता था उसपर गाँव से ख़त आया था कि बच्चे बीमार है पैसे भेजो। रसीला के पास गाँव भेजने के लिए पैसे नहीं थे और यही उसकी उदासी का कारण था।

प्रश्न ख-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
पहले तो रसीला छिपाता रहा। फिर रमजान ने कहा, ”कोई बात नहीं है, तो खाओ सौगंध।”
वक्ता ने श्रोता की परेशानी का क्या हल सुझाया?

उत्तर:
वक्ता ने श्रोता की परेशानी का यह हल सुझाया कि वह सालों से अपने मालिक के यहाँ काम कर रहा है तो वह अपने मालिक से कुछ रुपए पेशगी के क्यों नहीं माँग लेता?

प्रश्न ग-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
भैया गुनाह का फल मिलेगा या नहीं, यह तो भगवान जाने, पर ऐसी कमाई से कोठियों में रहते हैं, और एक हम हैं कि परिश्रम करने पर भी हाथ में कुछ नहीं रहता।”
यहाँ पर किस गुनाह की बात की जा रही है?

उत्तर:
यहाँ पर रमजान और रसीला अपने-अपने मालिकों के रिश्वत लेने वाले गुनाह की बात कर रहे हैं। रसीला ने जब रमजान को बताया कि उसके मालिक जगत सिंह ने पाँच सौ रूपए की रिश्वत ली है। तो इस पर रमजान ने कहा यह तो कुछ भी नहीं उसके मालिक शेख साहब तो जगत सिंह के भी गुरु हैं, उन्होंने भी आज ही एक शिकार फाँसा है हजार से कम में शेख साहब नहीं मानेंगे।
इस प्रकार यहाँ पर मालिकों के रिश्वत के गुनाह की चर्चा की जा रही है।

प्रश्न ग-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
भैया गुनाह का फल मिलेगा या नहीं, यह तो भगवान जाने, पर ऐसी कमाई से कोठियों में रहते हैं, और एक हम हैं कि परिश्रम करने पर भी हाथ में कुछ नहीं रहता।”
उपर्युक्त कथन रमजान ने रसीला से क्यों कहा?

उत्तर:
रमजान और रसीला दोनों ही नौकर थे। दिन रात परिश्रम करने के बाद भी बड़ी मुश्किल से उनका गुजारा होता था। रसीला के मालिक तो बार-बार प्रार्थना करने के बाद भी उसका वेतन बढ़ाने के लिए तैयार नहीं थे। दोनों यह बात भी जानते थे कि उनके मालिक रिश्वत से बहुत पैसा कमाते हैं। इसी बात की चर्चा करते समय रमजान ने उपर्युक्त कथन कहे।

प्रश्न ग-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
भैया गुनाह का फल मिलेगा या नहीं, यह तो भगवान जाने, पर ऐसी कमाई से कोठियों में रहते हैं, और एक हम हैं कि परिश्रम करने पर भी हाथ में कुछ नहीं रहता।”
ऐसी कमाई से क्या तात्पर्य है?

उत्तर:
प्रस्तुत पाठ में ऐसी कमाई से तात्पर्य रिश्वत से है। यहाँ पर स्पष्ट किया गया है कि किस प्रकार सफेदपोश लोग ही इस कार्य में लिप्त रहते हैं। अच्छा ख़ासा वेतन मिलने के बाद भी इनकी लालच की भूख मिटती नहीं है और रिश्वत को कमाई का एक और जरिया बना लेते हैं। इसके विपरीत परिश्रम करने वाला दाल-रोटी का जुगाड़ भी नहीं कर पाता और सदैव कष्ट में ही रहता है।

प्रश्न ग-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
भैया गुनाह का फल मिलेगा या नहीं, यह तो भगवान जाने, पर ऐसी कमाई से कोठियों में रहते हैं, और एक हम हैं कि परिश्रम करने पर भी हाथ में कुछ नहीं रहता।”
रमजान की उपर्युक्त बात सुनकर रसीला के मन में क्या विचार आया?

उत्तर:
रमजान की उपर्युक्त बात सुनकर यह आया कि सालों से वह इंजीनियर जगत बाबू के यहाँ काम कर रहा है इस बीच इस घर में उसके हाथ के नीचे से सैकड़ों रूपए निकल गए पर कभी उसका धर्म और नियत नहीं बिगड़ी। एक-एक आना भी उड़ाता तो काफी रकम जुड़ जाती।

प्रश्न घ-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
”यह इंसाफ नहीं अँधेर है। सिर्फ़ एक अठन्नी की ही तो बात थी!”
रसीला का मुकदमा किसके सामने पेश हुआ?

उत्तर:
रसीला का मुकदमा इंजीनियर जगत सिंह के पड़ोसी शेख सलीमुद्दीन ज़िला मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश हुआ।

प्रश्न घ-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
”यह इंसाफ नहीं अँधेर है। सिर्फ़ एक अठन्नी की ही तो बात थी!”
रसीला पर किस आरोप पर किसने मुकदमा दायर किया था?

उत्तर:
रसीला वर्षों से इंजीनियर जगत सिंह का नौकर था। उसने कभी कोई बेईमानी नहीं की थी। परंतु इस बार भूलवश अपना अठन्नी का कर्ज चुकाने के लिए उसने अपने मालिक के लिए पाँच रूपए की जगह साढ़े चार रुपए की मिठाई खरीदी और बची अठन्नी रमजान को देकर अपना कर्ज चुका दिया और इसी आरोप में रसीला के ऊपर इंजीनियर जगत सिंह ने मुकदमा दायर कर दिया था।

प्रश्न घ-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
”यह इंसाफ नहीं अँधेर है। सिर्फ़ एक अठन्नी की ही तो बात थी!”
रसीला को अपने किस अपराध के लिए कितनी सजा हुई?

उत्तर:
रसीला ने अपने मालिक के लिए पाँच रुपए के बदले साढ़े चार रूपए की मिठाई खरीदी और बची अठन्नी से अपना कर्ज चुका दिया। यही मामूली अपराध रसीला से हो गया था। इसलिए रसीला को केवल अठन्नी की चोरी करने के अपराध में छह महीने के कारावास की सजा हुई।

प्रश्न घ-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
”यह इंसाफ नहीं अँधेर है। सिर्फ़ एक अठन्नी की ही तो बात थी!”
उपर्युक्त उक्ति का क्या कारण था स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
रमजान ज़िला मजिस्ट्रेट शेख सलीमुद्दीन का चौकीदार था और वह रसीला का बहुत ही अच्छा मित्र था। जब ज़िला मजिस्ट्रेट अठन्नी के मामूली अपराध के लिए उसे छह महीने की सजा सुनाते हैं तो रमजान का क्रोध उबल पड़ता है क्योंकि वह जानता था कि फैसला करने वाले शेख साहब और आरोप लगाने वाले जगत बाबू दोनों स्वयं बहुत बड़े रिश्वतखोर अपराधी हैं लेकिन उनका अपराध दबा होने के कारण वे सभ्य कहलाते हैं और एक गरीब को मामूली अपराध के लिए इतनी बड़ी सजा दी जाती है इसी करण रामजान के मुँह से उपर्युक्त उक्ति निकलती है।