Karmdharay Samas – कर्मधारय समास – परिभाषा, उदाहरण, सूत्र, अर्थ – हिन्दी

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कर्मधारय समास की परिभाषा

कर्मधारय समास (Oppositional Determinative Compound)

जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो तो, वह ‘कर्मधारय समास‘ कहलाता है।

विशेषण–विशेष्य :

  • नीलकमल – नीला है जो कमल
  • पुरुषोत्तम – पुरुषों में है जो उत्तम
  • परमानंद – परम है जो आनंद
  • भलामानस – भला है जो मानस
  • लालटोपी – लाल है जो टोपी
  • महाविद्यालय – महान है जो विद्यालय
  • अधपका – आधा है जो पका
  • महाराज – महान है जो राजा
  • पीतांबर – पीत है जो अंबर
  • महावीर – महान है जो वीर
  • महापुरुष – महान है जो पुरुष
  • प्रधानाध्यापक – प्रधान है जो अध्यापक
  • कापुरुष – कायर है जो पुरुष
  • नीलकंठ – नीला है जो कंठ
  • कालीमिर्च – काली है जो मिर्च
  • महादेव – महान है जो देव
  • श्वेतांबर – श्वेत है जो अंबर (वस्त्र)
  • सद्धर्म – सत् है जो धर्म
  • नीलगगन – नीला है जो गगन
  • अंधकूप – अंधा है जो कूप
  • लालछड़ी – लाल है जो छड़ी
  • नीलांबर – नीला है जो अंबर
  • सज्जन – सत है जो जन
  • कृष्णसर्प – कृष्ण है जो सर्प
  • महात्मा – महान है जो आत्मा
  • दुरात्मा – दुर् (बुरी) है जो आत्मा
  • कुबुद्धि – कु (बुरी) है जो बुद्धि
  • पर्णकुटी – पर्ण से बनी कुटी
  • प्रधानमंत्री – प्रधान है जो मंत्री

उपमान–उपमेय:

  • देहलता – लता रूपी देह
  • चंद्रमुख – चंद्र के समान मुख
  • विद्याधन – विद्या रूपी धन
  • कमलनयन – कमल के समान नयन
  • वचनामृत – अमृत रूपी वचन
  • क्रोधाग्नि – क्रोध रूपी अग्नि
  • संसारसागर – संसार रूपी सागर
  • ग्रंथरत्न – ग्रंथ रूपी रत्न
  • करकमल – कर रूपी कमल
  • कुसुमकोमल – कुसुम सा कोमल
  • मृगलोचन – मृग के समान लोचन
  • चरणकमल – कमल के समान चरण
  • भुजदंड – दंड के समान भुजा
  • कनकलता – कनक के समान लता
  • घनश्याम – घन के समान श्याम (काला)
  • विद्याधन – विद्या रूपी धन
  • भवजल – भव रूपी जल
  • आशालता आशा की लता
  • नरसिंह नर रूपी सिंह
  • प्राणप्रिय – प्राणों के समान प्रिय
  • स्त्रीरत्न – स्त्री रूपी रत्न

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