ICSE Class 10 Hindi Solutions साहित्य सागर – दो कलाकार

ICSE Class 10 Hindi Solutions साहित्य सागर – दो कलाकार

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प्रश्न क-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“मुझे तो तेरे दिमाग के कन्फ्यूजन का प्रतीक नज़र आ रहा है, बिना मतलब जिंदगी खराब कर रही है।”
उपर्युक्त अवतरण की वक्ता और श्रोता का परिचय दें।

उत्तर:
उपर्युक्त अवतरण की वक्ता अरुणा और श्रोता चित्रा है। ये दोनों अभिन्न सहेलियाँ हैं। अरुणा और चित्रा पिछले छः वर्षों से छात्रावास में एक साथ रहते हैं। चित्रा एक चित्रकार है और अरुणा को लोगों की सेवा करने में आनंद मिलता है।

प्रश्न क-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“मुझे तो तेरे दिमाग के कन्फ्यूजन का प्रतीक नज़र आ रहा है, बिना मतलब जिंदगी खराब कर रही है।”
चित्रा का अरुणा को नींद में से जगाने का क्या उद्देश्य है?

उत्तर :
चित्रा एक चित्रकार है और अरुणा उसकी मित्र अभी-अभी कुछ समय पहले उसने एक चित्र पूरा किया था जिसे वह अपनी मित्र अरुणा को दिखाना चाहती थी इसलिए चित्रा ने अरुणा को नींद से जगा दिया।

प्रश्न क-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“मुझे तो तेरे दिमाग के कन्फ्यूजन का प्रतीक नज़र आ रहा है, बिना मतलब जिंदगी खराब कर रही है।”
अरुणा ने चित्र को घनचक्कर क्यों कहा?

उत्तर:
चित्रा ने अरुणा को जब चित्र दिखाया तो तो उसमें सड़क, आदमी, ट्राम, बस, मोटर, मकान सब एक-दूसरे पर चढ़ रहे थे। मानो सबकी खिचड़ी पकाकर रख दी गई हो। इसलिए अरुणा ने उस चित्र को घनचक्कर कहा।

प्रश्न क-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“मुझे तो तेरे दिमाग के कन्फ्यूजन का प्रतीक नज़र आ रहा है, बिना मतलब जिंदगी खराब कर रही है।”
चित्रा ने उस चित्र को किसका प्रतीक कहा और क्यों?

उत्तर:
चित्रा ने उस चित्र को कन्फ्यूजन का प्रतीक का प्रतीक कहा क्योंकि उस चित्र में सड़क, आदमी, ट्राम, बस, मोटर, मकान सब एक-दूसरे पर चढ़ रहे थे।

प्रश्न ख-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
कागज़ पर इन निर्जीव चित्रों को बनाने के बजाय दो-चार की जिंदगी क्यों नहीं बना देती! तेरे पास सामर्थ्य है, साधन हैं!”
उपर्युक्त कथन का संदर्भ स्पष्ट करें।

उत्तर:
चित्रा चाय पर अरुणा का इंतजार कर रही होती है। इतने में अरुणा का आगमन होता है और चित्रा उसे बताती है कि उसके पिता का पत्र आया है जिसमें आगे की पढ़ाई के लिए उसे विदेश जाने की अनुमति मिल गई है। उस समय आपसी बातचीत के दौरान अरुणा चित्रा से उपर्युक्त कथन कहती है।

प्रश्न ख-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
कागज़ पर इन निर्जीव चित्रों को बनाने के बजाय दो-चार की जिंदगी क्यों नहीं बना देती! तेरे पास सामर्थ्य है, साधन हैं!”
उपर्युक्त कथन का तात्पर्य स्पष्ट करें।

उत्तर:
उपर्युक्त कथन से अरुणा का तात्पर्य चित्रा के असंवेदनशील होने से है। चित्रा चित्रकार होने के नाते केवल अपने चित्रों के बारे में ही सोचती रहती है। दुनिया में बड़ी-से-बड़ी घटना क्यों न घट जाय यदि चित्रा को उसमें चित्रकारी के लिए मॉडल नहीं मिलता तो उसके लिए वह घटना बेमानी होती है।

प्रश्न ख-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
कागज़ पर इन निर्जीव चित्रों को बनाने के बजाय दो-चार की जिंदगी क्यों नहीं बना देती! तेरे पास सामर्थ्य है, साधन हैं!”
अरुणा ने आवेश में आकर यह क्यों कहा कि किस काम की ऐसी कला जो आदमी को आदमी न रहने दें।

उत्तर:
चित्रा दुनिया से कोई मतलब नहीं रखती थी। वह बस चौबीसों घंटे अपने रंग और तूलिकाओं में डूबी रहती थी। दुनिया में कितनी भी बड़ी घटना घट जाए, पर यदि उसमें चित्रा के चित्र के लिए कोई आइडिया नहीं तो वह उसके लिए कोई महत्त्व नहीं रखती थी। वह हर जगह, हर चीज में अपने चित्रों के लिए मॉडल ढूंढा करती थी। इसलिए अरुणा ने आवेश में आकर यह कहा कि किस काम की ऐसी कला जो आदमी को आदमी न रहने दें।

प्रश्न ख-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
कागज़ पर इन निर्जीव चित्रों को बनाने के बजाय दो-चार की जिंदगी क्यों नहीं बना देती! तेरे पास सामर्थ्य है, साधन हैं!”
अरुणा उपर्युक्त कथन द्वारा चित्रा को क्या कहना चाहती है?

उत्तर:
अरुणा उपर्युक्त कथन द्वारा चित्रा को कहना चाहती है कि वह अमीर पिता की बेटी है उसके पास साधनों और पैसे की कोई कमी नहीं है अत: वह उन साधनों से किसी की जिंदगी सँवार सकती है।

प्रश्न ग-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“आज चित्रा को जाना था। अरुणा सवेरे से ही उसका सारा सामान ठीक कर रही थी।”
चित्रा को कहाँ और क्यों जाना था?

उत्तर:
चित्रा को चित्रकला के संबंध में विदेश जाना था।

प्रश्न ग-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“आज चित्रा को जाना था। अरुणा सवेरे से ही उसका सारा सामान ठीक कर रही थी।”
चित्रा को घर लौटने में देर क्यों हुई?

उत्तर:
चित्रा को चित्रकला के संबंध में विदेश जाना था इसलिए वह अपने गुरु से मिल कर घर लौट रही थी। घर लौटते समय उसने देखा कि पेड़ के नीचे एक भिखारिन मरी पड़ी थी और उसके दोनों बच्चे उसके सूखे हुए शरीर से चिपक कर बुरी तरह रो रहे थे। उस दृश्य को चित्रा अपने केनवास पर उतारने लग गई इसलिए उसे घर लौटने में देर हो गई।

प्रश्न ग-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“आज चित्रा को जाना था। अरुणा सवेरे से ही उसका सारा सामान ठीक कर रही थी।”
चित्रा को कितने बजे जाना था और उसकी आँखें किसे ढूँढ रही थी?

उत्तर:
चित्रा को शाम की पाँच बजे की गाड़ी से जाना था और उसकी आँखें उसकी मित्र अरुणा को ढूँढ रही थी।

प्रश्न ग-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“आज चित्रा को जाना था। अरुणा सवेरे से ही उसका सारा सामान ठीक कर रही थी।”
विदेश में उसके किस चित्र को अनेक प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार मिल चुका था?

उत्तर:
चित्रा ने भिखारिन और उसके शरीर से चिपके उसके बच्चों का चित्र बनाया था जिसे उसने अनाथ शीर्षक दिया था। विदेश में उसका यही अनाथ शीर्षक वाला चित्र अनेक प्रतियोगिताओं में प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुका था।

प्रश्न घ-i:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“कुछ नहीं… मैं…सोच रही थी कि….” पर शब्द शायद उसके विचारों में खो गए।
अनेक प्रतियोगिताओं में चित्रा का कौन-सा चित्र प्रथम पुरस्कार पा चुका था?

उत्तर:
चित्रा जब भारत में थी तब उसने एक चित्र बनाया था। उस चित्र में एक भिखारिन मरी पड़ी थी और उसके दो बच्चे उसके सूखे शरीर से चिपककर बुरी तरह रो रहे थे। इस चित्र को चित्रा ने ‘अनाथ’ शीर्षक दिया था। चित्रा के इसी चित्र को अनेक प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिल चुका था।

प्रश्न घ-ii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“कुछ नहीं… मैं…सोच रही थी कि….” पर शब्द शायद उसके विचारों में खो गए।
भिखारिन के दोनों बच्चों का क्या हुआ?

उत्तर:
चित्रा ने अरुणा को भिखारिन और उसके दो बच्चों के बारे में बताया। अरुणा ने तुरंत भिखारिन के दोनों बच्चों को अपने घर ले आईं और उन्हें गोद लेकर उनका पालन-पोषण करने लगी। इस तरह अरुणा जैसी संवेदनशील व्यक्ति के कारण उन दो अनाथ बच्चों को घर, परिवार, मान-सम्मान और प्यार मिला।

प्रश्न घ-iii:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“कुछ नहीं… मैं…सोच रही थी कि….” पर शब्द शायद उसके विचारों में खो गए।
अरुणा और चित्रा में से महान कलाकार कौन है और क्यों?

उत्तर:
अरुणा और चित्रा में से महान कलाकार अरुणा है क्योंकि चित्रा ने केवल ख्याति प्राप्त करने के उद्देश्य से चित्र बनाया और पर अरुणा ने बिना किसी स्वार्थ के उन बच्चों को अपनाया। चित्रा के लिए वे बच्चे केवल चित्र के मॉडल मात्र थे परंतु वहीँ दूसरी ओर अरुणा के सामने उनके भविष्य का प्रश्न था जिसे उसने सँवारा।

प्रश्न घ-iv:
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
“कुछ नहीं… मैं…सोच रही थी कि….” पर शब्द शायद उसके विचारों में खो गए।
‘दो कलाकार’ कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
‘दो कलाकार’ कहानी अत्यंत मर्मस्पर्शी कहानी है। इस कहानी द्वारा लेखिका ने यह समझाने का प्रयास किया है कि निर्धन और असहाय लोगों की मदद करनी चाहिए। इस कहानी द्वारा सच्चे कलाकार की परिभाषा को भी परिभाषित करने का प्रयास किया गया है। लेखिका के अनुसार सच्चा कलाकार वह होता है जो समाज के साथ सहानुभूति और सरोकार रखता हो।

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