Shlesh Alankar In Sanskrit – श्लेष अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण – (संस्कृत व्याकरण)

श्लेष अलंकार – Shlesh Alankar In Sanskrit

श्लेष अलंकार की परिभाषा (Shlesh Alankaar Kee Paribhaasha) = Definition Of Synovial Decking

श्लेष अलंकार श्लेष का अर्थ है- चिपका हुआ। अर्थात् एक शब्द के अनेक अर्थ चिपके होते हैं।

जब काव्य में कोई शब्द एक बार आए और उसके एक से अधिक अर्थ प्रकट हो, तो उसे श्लेष अलंकार कहते हैं; जैसे

रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष चून।।

यहाँ दूसरी पंक्ति में पानी शब्द एक बार आया है परंतु उसके अर्थ अलग-अलग प्रसंग में अलग-अलग हैं-
Alankar In Sanskrit

अतः यहाँ श्लेष अलंकार है।

श्लेष अलंकार अन्य उदाहरण – Shlesh Alankar Easy Udaharan

  • मधुबन की छाती को देखो, सूखी इसकी कितनी कलियाँ।
    यहाँ कलियाँ का अर्थ है-

    • फूल खिलने से पूर्व की अवस्था
    • यौवन आने से पहले की अवस्था
  • चरन धरत चिंता करत चितवत चारों ओर।
    सुबरन को खोजत, फिरत कवि, व्यभिचारी, चोर।
  • यहाँ सुबरन शब्द के एक से अधिक अर्थ हैं-
    कवि के संदर्भ में इसका अर्थ सुंदर वर्ण (शब्द), व्यभिचारी के संदर्भ में सुंदर रूप रंग और चोर के संदर्भ में इसका अर्थ सोना है।
  • मंगन को देख पट देत बार-बार है।
    यहाँ पर शब्द के दो अर्थ है- वस्त्र, दरवाज़ा।
  • मेरी भव बाधा हरो राधा नागरि सोय।
    जा तन की झाँई परे श्याम हरित दुति होय।।

यहाँ हरित शब्द के अर्थ हैं- हर्षित (प्रसन्न होना) और हरे रंग का होना।

Shlesh Alankar In Sanskrit

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