CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 1

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CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 1

BoardCBSE
ClassIX
SubjectHindi B
Sample Paper SetPaper 1
CategoryCBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 9 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 1 of Solved CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B is given below with free PDF download solutions.

समय : 3 घंटे
पूर्णांक : 80

निर्देश
1. इस प्रश्न-पत्र के चार खंड हैं-क, ख, ग और घ।
2. चारों खंडों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
3. यथासंभव प्रत्येक खंड के उत्तर क्रमशः दीजिए।

खंड {क} अपठित बोध [15 अंक]

प्रश्न 1:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (9)

रवींद्रनाथ टैगोर ने 12 वर्ष की आयु से ही काव्य-सृजन शुरू कर दिया था, बाद में उन्होंने गद्य-साहित्य की रचना भी शुरू की और अपनी अधिकतर रचनाओं का उन्होंने अंग्रेज़ी में अनुवाद भी किया। अपनी प्रसिद्ध काव्य पुस्तक ‘गीतांजलि के अंग्रेज़ी अनुवाद के लिए उन्हें वर्ष 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार’ प्राप्त हुआ और वे यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले केवल भारत के ही नहीं, बल्कि एशिया के भी प्रथम व्यक्ति बने। ‘गीतांजलि’ रवींद्रनाथ टैगोर की एक अमर काव्य कृति है। इसी के गीतों ने उन्हें ‘विश्वकवि’ के रूप में प्रतिष्ठित किया। कुछ लोगों का यह मानना है कि इसका अनुवाद किसी अंग्रेज़ कवि ने किया था, किंतु अब यह बात सिद्ध हो चुकी है कि यह अनुवाद किसी और ने नहीं, बल्कि स्वयं रवींद्रनाथ टैगोर ने ही किया था।
जब वे लंदन अंग्रेज़ी भाषा की शिक्षा प्राप्त करने गए थे, उस दौरान 17 वर्ष की आयु में उनकी मुलाकात अंग्रेज़ी के विश्वविख्यात रोमांटिक कवियों एवं लेखकों के साथ हुई। उनमें से कई उनके अच्छे मित्र बन गए। अपने उन मित्रों के साथ आयोजित काव्य गोष्ठियों में अपनी बांग्ला कविताओं को सुनाने के दृष्टिकोण से वे उनका अनुवाद अंग्रेज़ी में किया करते थे। उन कवियों एवं लेखकों ने उनके काव्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की। इसके बाद से उन्होंने अपनी अधिकतर रचनाओं का अंग्रेज़ी में अनुवाद प्रारंभ कर दिया था।

(क) ‘गीतांजलि’ का अंग्रेज़ी अनुवाद किसने किया था तथा इसके लिए उन्हें कौन-सा पुरस्कार प्राप्त हुआ? (2)
(ख) रवींद्रनाथ टैगोर जी को विश्वकवि की संज्ञा क्यों दी जाती है? (2)
(ग) रवींद्रनाथ टैगोर शिक्षा प्राप्त करने कहाँ गए तथा वहाँ उनकी मुलाकात किससे हुई? (2)
(घ) निम्नलिखित शब्दों का समास-विग्रह कीजिए (2)
(i) विश्वविख्यात (ii) काव्य-सृजन
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए। (1)

प्रश्न 2:
निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (6)
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 1 2
(क) “डालेगा जाकर उस बड़े कारखाने ………लेकर ही निकलेगा” पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)
(ख) प्रस्तुत काव्यांश का केंद्रीय भाव क्या है? (2)
(ग) निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए (2)
(i) सजावट
(ii) स्वाभिमान

खंड {ख} व्याकरण [15 अंक]

प्रश्न 3:
निम्नलिखित शब्दों का वर्ण-विच्छेद कीजिए (2)
(i) स्वास्थ्य
(ii) राष्ट्रीय

प्रश्न 4:
(क) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थान पर लगे अनुस्वार वाले शब्द छाँटिए । (1)
अंदर, घूघट, कुंआरा, सांप
(ख) निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त स्थान पर लगे अनुनासिक वाले शब्द छाँटिए (1)
छाँव, महगाँई, खुशियाँ, आईं।
(ग) निम्नलिखित शब्दों में उचित स्थानों पर नुक्ते का प्रयोग करके शब्दों को पुनः लिखिए (1)
(i) फर्क
(ii) गिरफ्तार

प्रश्न 5:
(क) ‘पुनरुक्ति’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग व मूल शब्द को अलग कीजिए। (1)
(ख) ‘भावुक’ शब्द में प्रयुक्त मूल शब्द व प्रत्यय को अलग कीजिए। (1)
(ग) ‘आध्यात्मिकता’ शब्द में से उपसर्ग व प्रत्यय अलग कीजिए। (1)

प्रश्न 6:
निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए (4)
(i) अल्पोक्ति
(ii) जलाशय
(iii) मृगांक
(iv) प्रांगण

प्रश्न 7:
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विराम चिह्नों का प्रयोग कीजिए (3)
(क) महात्माजी के धर्म का क्या स्वरूप है
(ख) पटेल ने कहा भाइयो और बहनो क्या आप सत्याग्रह के लिए तैयार हैं।
(ग) गांधीजी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग बहुत प्रसिद्ध रचना है।

खंड {ग} पाठ्यपुस्तक व पूरक पुस्तक [25 अंक]

प्रश्न 8:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए। (5)
(क) लेखक ने बाजार में क्या देखा तथा किस कारण उसके कदम तेज हो गए? दु:ख का अधिकार’ पाठ के आधार पर बताइए।  (2)
(ख) लेखक ने कीचड़ में कहाँ-कहाँ सौंदर्य के विभिन्न पक्षों का संकेत किया है?  (2)
(ग) नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका बचेंद्री पाल को कैसा लगा? एवरेस्ट : मेरी, शिखर यात्रा’ पाठ के आधार पर लिखिए। (1)

प्रश्न 9:
“इस पेशे में आमतौर पर, स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता था।” ‘शुक्रतारे के समान’ पाठ के आधार पर बताइए कि इस प्रसंग के माध्यम से लेखक क्या उदघाटित करना चाहता है? उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5)
अथवा
हमारे जीवन को उच्च तथा सदाचारी कौन बना सकता है। तथा कैसे? ‘धर्म की आड़’ पाठ के आधार पर लगभग 100 शब्दों में बताइए।

प्रश्न 10:
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए (5)
(क) ‘भूल गया उसका लेना झट, परम लाभ-सा पाकर मैं” पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए। (2)
(ख) कवि रैदास को यह दृढ़ विश्वास क्यों है कि प्रभु समदर्शी हैं? रैदास के पद’ नामक कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (2)
(ग) ‘बिनु पानी सब सून’ का अर्थ रहीम के दोहे के आधार पर स्पष्ट कीजिए। (1)

प्रश्न 11:
‘खुशबू रचते हैं हाथ’ कविता में कवि ने किस सामाजिक विषमता को प्रकट किया है? उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए। (5)
अथवा
‘आदमीनामा’ कविता में कवि ने किसका वर्णन किया है। तथा कवि का उद्देश्य क्या है? उत्तर लगभग 100 शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 12:
‘हामिद खाँ’ पाठ के आधार पर लगभग 150 शब्दों में लेखक और हामिद खाँ के व्यक्तित्व के समान पक्षों को उद्घाटित कीजिए। (5)
अथवा
‘गिल्लू’ कहानी के आधार पर लगभग 150 शब्दों में बताइए कि पशु-पक्षियों के प्रति हमारा क्या कर्तव्य होना चाहिए? अपने शब्दों में लिखिए।

खंड {घ} लेखन [25 अंक]

प्रश्न 13:
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर 80 से 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए (5)
1. बच्चों पर बढ़ता बस्ते का भार
संकेत बिंदु

  •  शिक्षा का स्वरूप
  •  विद्यालय की भूमिका
  •  भार कम करने के सुझाव

2. कन्या भ्रूण हत्या
संकेत बिंदु

  •  महिलाओं का स्थान
  •  इसका दुष्प्रभाव
  •  रोकने के उपाय

3. समाचार-पत्र
संकेत बिंदु

  •  व्यापकता एवं विकास
  •  इसका महत्त्व
  •  समाचार-पत्र की उपयोगिता

प्रश्न 14:
विद्यालय की ओर से कुछ सहपाठियों के साथ शैक्षणिक भ्रमण पर जाने हेतु अपने पिताजी से आज्ञा माँगते हुए उन्हें लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखिए। (5)
अथवा
छोटे भाई को लगभग 100 शब्दों में एक पत्र लिखकर समझाइए कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। उसे यह भी बताइए कि स्वस्थ रहने के लिए किन-किन नियमों का पालन करना आवश्यक है?

प्रश्न 15:
दिए गए चित्र को ध्यान से देखकर 20 से 30 शब्दों में चित्र का वर्णन अपनी भाषा में प्रस्तुत कीजिए। (5)
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 1 15
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 1 15a

प्रश्न 16:
गाँव में बाढ़ आ गई है। पीड़ितों की सहायता के लिए दो मित्र जाना चाहते हैं। उनके मध्य हुए संवाद का लगभग 50 शब्दों में वर्णन कीजिए। (5)
अथवा
गर्मियों की छुट्टियाँ बिताने की योजना बनाते हुए दो मित्रों के संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।

प्रश्न 17:
इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स कराने वाले संस्थान का विज्ञापन 20-25 शब्दों में तैयार कीजिए। (5)
अथवा
एल.सी.डी. के लिए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।

जवाब

उत्तर 1:
(क) गीतांजलि का अंग्रेज़ी अनुवाद स्वयं रवींद्रनाथ टैगोर जी ने किया था। इसके अंग्रेज़ी अनुवाद के लिए रवींद्रनाथ टैगोर को वर्ष 1913 में साहित्य का ‘नोबेल पुरस्कार’ प्राप्त हुआ।
(ख) रवींद्रनाथ टैगोर जी को विश्वकवि की संज्ञा इसलिए दी जाती है, क्योंकि वे किसी एक विचारधारा के कवि नहीं थे, बल्कि उनके काव्य में पूरी मानवता का समावेश था।
(ग) रवींद्रनाथ टैगोर शिक्षा प्राप्त करने लंदन गए। वहाँ उनकी मुलाकात अंग्रेज़ी के विश्वविख्यात रोमांटिक कवियों एवं लेखकों के साथ हुई। उनमें से अनेक उनके अच्छे मित्र बन गए।
(घ) शब्द समास-विग्रह समास का नाम ।
(i) विश्वविख्यात विश्व में विख्यात अधिकरण तत्पुरुष समास यहाँ अधिकरण कारक की विभक्ति में’ का लोप होने के कारण अधिकरण तत्पुरुष समास है।
(ii) काव्य-सृजन काव्य का सृजन संबंध तत्पुरुष समास यहाँ दोनों पदों के मध्य ‘का’ विभक्ति का लोप होने के कारण संबंध तत्पुरुष समास है।
(ङ) प्रस्तुत गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है ‘रवींद्रनाथ टैगोर : एक श्रेष्ठ साहित्यकार।

उत्तर 2:
(क) प्रस्तुत पंक्तियों का आशय यह है कि हमारा युग हमें जो प्रदान करता है, उसे साहित्यकार एवं युग निर्माता एक नए रूप में ढालता है, जिसे समाज द्वारा अपना लिया जाता है।
(ख) प्रस्तुत काव्यांश का केंद्रीय भाव यह है कि वर्तमान में मानवीय जीवन मूल्य अपनी प्रासंगिकता एवं सार्थकता खो बैठे हैं। समय में परिवर्तन के साथ-साथ जीवन-मूल्य भी परिवर्तित हो गए हैं।
(ग) (i) सजावट = सज् + आवट
(ii) स्वाभिमान = स्व + अभिमान

उत्तर 3:
(क) (i) स् + व् + आ + स् + थ् + य् + अ
(ii) र् + आ + ष् + ट् + र् + ई + य् + अ

उत्तर 4:
(क) अंदर
(ख) छाँव, खुशियाँ
(ग) (i) फ़र्क (ii) गिरफ्तार

उत्तर 5:
(क) उपसर्ग     पुनर्
मूल शब्द         उक्ति
(ख) मूल शब्द       भाव       प्रत्यय        उक
(ग) उपसर्ग      मूल शब्द     प्रत्यय
अघि           आत्म         इक,ता

उत्तर 6:
(i) अल्प + उक्ति
(ii) जल + आशय
(iii) मृग + अंक
(iv) प्र + आंगन

उत्तर 7:
(क) ‘महात्माजी’ के ‘धर्म’ का क्या स्वरूप है?
(ख) ‘पटेल ने कहा- “भाइयो और बहनो, क्या आप सत्याग्रह के लिए तैयार हैं?”
(ग) गांधीजी की आत्मकथा ‘सत्य के प्रयोग’ बहुत प्रसिद्ध रचना है।

उत्तर 8:
(क) लेखक ने बुढ़िया को बाज़ार में रोते हुए देखा। वह उसके रोने का कारण जानने के बाद दुःखी हो गया। उसे बुदिया के दुःख के प्रति सहानुभूति थी, लेकिन वह अच्छी पोशाक पहने हुए था और समाज के उच्च वर्ग से संबंधित होने के कारण बुढिया के पास जाकर उससे सांत्वना के अपने मनोभाव प्रकट नहीं कर पा रहा था। उसे यह समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे वह बुढिया के पास जाकर अपने मन में उसके प्रति उत्पन्न सहानुभूति को अभिव्यक्त करे? वह इसी अंतर्द्वद्ध से परेशान था, जिसके कारण उसके कदम तेज़ हो गए थे।

(ख) लेखक की कीचड़ संबंधी सौंदर्य दृष्टि उसकी उपयोगिता में निहित है। गर्मी के दिनों में कीचड़ में दरारें पड़कर सुंदर दृश्य उपस्थित करती हैं। नदी के किनारे समतल और चिकनी कीचड़ भी दर्शनीय होती है। कीचड़ का रंग कलाकारों को अत्यंत प्रिय है। पशुओं द्वारा अंकित पद एवं सींग चिह्न महिषकुल के भारतीय युद्ध का इतिहास चित्रित कर देते हैं।

(ग) दूसरे दिन बेस कैंप पहुँचने पर लेखिका ने एवरेस्ट पर्वत और उसकी अन्य श्रेणियाँ देखीं। इन्हें देखकर लेखिका आश्चर्यचकित रह गई। इतनी निकटता से एवरेस्ट को देखकर लेखिका उसके अद्भुत रूप से आकर्षित हुई।

उत्तर 9:
प्रस्तुत पंक्ति वकालत के पेशे की एक सर्वमान्य अवधारणा को स्पष्ट करती है। महादेव भाई ने पढ़ाई समाप्त होते ही अहमदाबाद में वकालत शुरू कर दी। वकालत के पेशे से जुड़े होने के कारण उन्हें अच्छी तरह से ज्ञात था कि इस पेशे में गलत को सही और सही को गलत सिद्ध करना होता है। लोगों की मान्यता है कि इस पेशे में सच्चाई से काम नहीं चल सकता। यह व्यवसाय दिमाग, सबूत और दलील के आधार पर फलता-फूलता है, परंतु महादेव भाई ने सदैव उचित और सही कार्य ही किए। इसके माध्यम से लेखक महादेव भाई के व्यक्तित्व में निहित ईमानदारी की विशेषता को उद्घाटित करना चाहता है। ‘सत्य’ की धारणा के प्रबल समर्थक महादेव भाई झूठ बोलने वाले वकालत के पेशे को नहीं अपना सकते थे। इसी ईमानदारी के गुण के कारण उन्होंने वकालत का पेशा छोड़कर जन सेवा का मार्ग अपनाया।

अथवा

धर्म का संबंध सीधे-सीधे आत्मा तथा परमात्मा अर्थात् ईश्वर से है। यह हमें स्वच्छ आचरण निर्माण के लिए प्रेरित करता है। एक स्वच्छ आचरण का व्यक्ति प्रत्येक स्थान पर अपनी स्वच्छता की एक अमिट छाप छोड़ता है। धर्म का सच्चा बोध हमारे मन में प्रेम, सहिष्णुता, परोपकारिता, अहिंसा और ईमानदारी के बीज बोता है, जो विश्व के किसी भी हिस्से में स्थित समाज के लिए महत्त्वपूर्ण है।
इससे जनकल्याण का भाव मन के अंदर आता है। साथ-ही-साथ, ईष्र्या भाव व लोभ सदा के लिए समाप्त हो जाता है। इस प्रकार मानव धर्म को समझने वाला एक व्यक्ति देखते-ही-देखते सर्वप्रिय हो जाता है, क्योंकि सभी उससे प्रेम करने लगते हैं। सबके प्रति सहानुभूति एवं सहायता की भावना तथा आपसी प्रेम में निरंतर वृद्धि, मानव के जीवन पथ को सरल बना देती है। ऐसी स्थिति में मानव जीवन के सही मूल्यों तथा अर्थवत्ता को परखा जा सकता है। वे सब साथ मिलकर एक सच्चे समाज के अभिन्न अंग बन जाते हैं, जो जीवन को सच्चा अर्थ प्रदान करते हैं।

उत्तर 10:
(क) जब सुखिया के पिता ने पुजारी से प्रसादस्वरूप फूल पाया, तो अपनी बेटी की अमूल्य इच्छा को साकार होते देखा। इस खुशी में वह विचारमग्न हो गया कि अब उसकी बेटी की इच्छा पूर्ण होगी और वह शीघ्र ही स्वस्थ हो जाएगी। इस खुशी में वह प्रसाद लेना भूल गया, क्योंकि देवी माँ का फूले प्राप्त कर लेने पर उसके हृदय में अपनी बेटी के स्वास्थ्य के प्रति आशाएँ जाग उठीं और वह फूल प्राप्त करके ही
भाव-विह्वल हो गया।

(ख) कवि रैदास जी को यह दृढ़ विश्वास है कि उनके प्रभु समदर्शी हैं, क्योंकि उनके गोविंद नीच, अछूत, गरीब सभी का उद्धार करते हैं। जो उनकी शरण में जाता है, वे उसके शीश पर अपनी दया का छत्र रख देते हैं। वे किसी से डरते नहीं हैं। अपनी अपार दया से ही उन्होंने नामदेव, सधना, सैनु, त्रिलोचन, कबीर आदि का उद्धार किया है और उन्हें समाज में सम्माननीय बनाया है।

(ग) रहीम पानी के महत्त्व से परिचित थे। मानव जीवन के लिए पानी बहुमूल्य है। अतः उन्होंने स्पष्ट किया है कि मनुष्य के जीवन में सम्मान, मोती में चमक तथा चुन की पानी के बिना कोई उपयोगिता नहीं है।

उत्तर 11:
प्रस्तुत कविता में गरीबी और अमीरी की विषमता व कूड़े के ढेर में बसे दुर्गंधपूर्ण मोहल्लों में रहने वाले कामगारों के जीवन की त्रासदी को प्रकट किया गया है। संभ्रांत और अमीर लोगों की सुख-सुविधाओं व उनके विलासी जीवन के लिए आवश्यक सामग्रियों को तैयार करने वाले ये लोग बहुत गरीब हैं। ये मज़दूर नरकीय जीवन जीते हुए भी दूसरों के जीवन को खुशबू से भर देते हैं, परंतु स्वयं गरीबी में रहने के लिए विवश हैं। यही सबसे बड़ी सामाजिक विषमता है। कवि इसके माध्यम से समाज के दरिद्र एवं उपेक्षित लोगों के जीवन को सबके सामने लाना चाहता है। विभिन्न परिस्थितियों के शिकार समाज के निर्धन लोगों के परिश्रमी होने के पश्चात् भी उनकी जीवन स्थितियाँ नहीं बदलती हैं। इन्हीं के परिश्रम का लाभ उठाकर धनी बनने वाला वर्ग कभी उनकी चिंता नहीं करता। कवि इसके माध्यम से समाज में व्याप्त विषमता को प्रकट करना चाहता है।

अथवा

कवि ने अपनी कविता ‘आदमीनामा’ में मनुष्य के अनेक रूपों का वर्णन किया है, जिसमें अमीर-गरीब, राजा-रंक, शक्तिशाली कमज़ोर, धार्मिक-अधार्मिक, रक्षक-भक्षक, सौभाग्यशाली- दुर्भाग्यशाली आदि रूप सम्मिलित हैं। कवि ने मनुष्य के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों रूपों का वर्णन करके यह पाठकों पर छोड़ दिया है कि वे जिस रूप को अपनाना चाहें, अपना लें। कवि ने इन रूपों का केवल वर्णन मात्र ही किया है। इनके निर्मित होने के कारणों की चर्चा नहीं की है। वह लोगों को सिर्फ मानव के विभिन्न रूपों से परिचित कराना चाहता है। इन विभिन्न रूपों में से किसे स्वीकार किया जाए और क्यों, इस पर कवि ने मौन साध रखा है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि कवि का उद्देश्य मनुष्य के विभिन्न रूपों से पाठकों को अवगत कराना मात्र है। किस रूप को स्वीकार करना चाहिए और उसके अनुसार कैसा कार्य करना चाहिए, यह आदमी की मानसिकता एवं इच्छा पर निर्भर है।

उत्तर 12:
एस. के. पोटेकाट द्वारा लिखित ‘हामिद खाँ’ शीर्षक कहानी हिंदू और मुस्लिम धर्म के बीच आत्मीय सौहार्द स्थापित करने का सफल प्रयास है। कहानी के दो महत्त्वपूर्ण केंद्रीय पात्र लेखक और हामिद खाँ अलग-अलग पारिवारिक, व्यावसायिक, धार्मिक और राष्ट्रीय पृष्ठभूमि से संबद्ध होने के पश्चात् भी अनेक दृष्टिकोणों से समान प्रतीत होते हैं।

  1.  दोनों चाहते थे कि हिंदुओं एवं मुसलमानों में आपसी प्रेम, सद्भाव, विश्वास एवं भाईचारा बना रहे।
  2. हिंदू लोग मुसलमानों को अत्याचारियों की संतान तथा अपवित्र न मानें।
  3. दोनों संप्रदायों के बीच जो आपसी घृणा की भावना थी, उसे मेल-मिलाप के द्वारा एवं आपसी भाईचारा स्थापित करके दूर किया जाए।

अथवा

पशु-पक्षी प्रकृति तथा हमारे समाज का अभिन्न अंग होते हैं। वे हमारे सहयोगी भी होते हैं। इसलिए उनके प्रति हम सबके कुछ कर्तव्य हैं, जिनका पालन प्रत्येक मनुष्य को करना चाहिए। पशु-पक्षियों को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुँचानी चाहिए। आहत, निरीह एवं मूक पशु-पक्षियों की सुरक्षा एवं सेवा करना हमारा पहला कर्तव्य है। पशु-पक्षी अपना दुःख-दर्द बता नहीं सकते, ऐसी स्थिति में मनुष्य को उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उनकी मरहम-पट्टी की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्हें स्वच्छंद वातावरण में उन्मुक्त हो अपना स्वाभाविक विकास करने में संभव सहायता करनी चाहिए। हमें पशु-पक्षियों के प्रति सद्व्यवहार अपनाना चाहिए। साथ ही हमें अपने अंदर उनके संरक्षण की भावना उत्पन्न करनी चाहिए तथा उनसे किसी भी प्रकार की हिंसी नहीं करनी चाहिए। इस प्रकार का दृष्टिकोण अपनाकर मनुष्य तथा पशु-पक्षियों के बीच आत्मीय संबंध स्थापित किए जा सकते हैं।

उत्तर 13.1:
 बच्चों पर बढ़ता बस्ते का भार
बचपन वह आयु होती है, जब बच्चों को बिना किसी तनाव के जीवन का आनंद लेना चाहिए, लेकिन आज के बच्चे अपने बस्ते के भार से दब गए हैं। हमारी शिक्षा व्यवस्था का स्वरूप इतना उदार नहीं है कि वह बच्चों की पीठ पर लदे बस्तों के भार को कम कर पाए। वर्तमान में हमारे देश में विद्यालयी शिक्षा के स्तर पर लगभग प्रत्येक राज्य में अलग-अलग शिक्षा प्रणालियाँ प्रचलित हैं, जिसे एकसमान बनाए जाने की बात जब-तब उठती अवश्य है, लेकिन उसे क्रियान्वित करने में सभी एकमत से सहमत नहीं हो पाते। विद्यालयों को इस दिशा में पहल करके विद्यार्थियों के बस्ते के भार को कम करने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए उन्हें बच्चों की एक ही विषय की विभिन्न पुस्तकों को एक पुस्तक के रूप में संकलित करने और गृहकार्य से मुक्त करना चाहिए। साथ ही, शिक्षा प्रणाली में सुधार करके यह निर्धारित किया जाए कि बच्चों की आयु के अनुसार उनके बस्ते का भार कितनी हो? बच्चों की सेहत को अत्यधिक महत्त्वपूर्ण मानते हुए उनकी व्यापारिक शिक्षा पर नहीं, बल्कि व्यावहारिक शिक्षा पर बल दिया जाए। बचपन से ही शिक्षा को ‘रीढ़ तोड़ बोझ’ के रूप में उन पर थोपना एक अमानवीय कृत्य है।

उत्तर 13.2:
कन्या भ्रूण हत्या
समाज में नारी का महत्त्वपूर्ण स्थान है। नारी के बिना पुरुष का अस्तित्व अधूरा है। उसके बिना परिवार की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज महिलाएँ चिकित्सा, शिक्षा, खेल, प्रशासनिक सेवाओं, अंतरिक्ष विज्ञान इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करके पुरुषों के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर समाज एवं राष्ट्र के विकास में योगदान दे रही हैं। वहीं दूसरी ओर समाज में पुत्र मोह के कारण कन्या भ्रूण हत्या जैसे अमानवीय कार्य किए जा रहे हैं, जिससे पुरुष एवं महिलाओं के बीच लिंगानुपात का अंतर बढ़ता ही जा रहा है। इस कुप्रवृत्ति के कारण महिलाओं की संख्या घट रही है, जिसका परिणाम है कि आज पुरुष विवाह के लिए अपने राज्य से बाहर जाकर लड़कियाँ खोज रहे है।
जिस कारण लड़कियों को खरीदने व बेचने जैसी कुप्रवृत्ति भी बढ़ रही है, जो किसी भी समाज के लिए हानिकारक है। अतः इसे रोकने के लिए यह आवश्यक है कि लोग समाज के विकास हेतु कन्याओं के महत्त्व और उनकी भूमिका को समझें, क्योंकि किसी भी देश की प्रगति महिलाओं की प्रगति के बिना संभव नहीं है। अतः सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर इस कलंक को मिटाना होगा।

उत्तर 13.3:
 समाचार-पत्र
जनसंचार माध्यम का अत्यंत प्राचीन और अब तक का सबसे सर्वसुलभ साधन समाचार-पत्र ही है। यहाँ तक कि टेलीविज़न और इंटरनेट क्रांति के युग में भी इसने अपना महत्त्व दृढ़ता से बनाए रखा है। समाचार-पत्र के स्थायित्व और सर्वसुलभता ने उसकी प्रासंगिकता को बढ़ा दिया है। यही कारण है कि टेलीविज़न के शोर से समाचार-पत्र की शोरमुक्त खबरें अधिक अच्छी लगती हैं। विविध वर्गों एवं विविध पक्षों की आवश्यकता और रुचि को इसमें पूरा स्थान मिलता है। भाग़ की गंभीरता भी समाचार-पत्र का महत्त्व बढ़ा देती है। दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, हिंदुस्तान, नवभारत टाइम्स, अमर उजाला, पंजाब केसरी आदि हिंदी के प्रमुख लोकप्रिय समाचार-पत्र हैं। समाचार-पत्र न केवल देश-विदेश की घटनाओं की जानकारी देते हैं, वरन्। खेल-जगत, व्यापार, विज्ञापन आदि की जानकारी भी प्रदान करते हैं। समाचार-पत्र के द्वारा युवा वर्ग नौकरी से संबंधित सूचनाओं को प्राप्त कर लेता है। व्यापारी वर्ग भी अपने उत्पाद की जानकारी उपभोक्ताओं को समाचार-पत्र के माध्यम से ही पहुँचाते हैं। स्पष्टतः समाचार-पत्र सर्वसुलभ होने के साथ ही अत्यंत उपयोगी भी है।

उत्तर 14:
कमरा संख्या-23
शहीद आज़ाद मेमोरियल छात्रावास,
लखनऊ। दिनांक 29 मार्च, 20XX
पूज्य पिताजी
सादर चरण-स्पर्श
मैं यहाँ कुशलतापूर्वक हूँ तथा आशा करता हूँ कि आप भी सकुशल होंगे। आपका पत्र मिला और घर के समाचार ज्ञात हुए। अभी तक मैं अपनी वार्षिक परीक्षाओं में व्यस्त था, इसलिए पत्र नहीं लिख सका। पिताजी, इस बार गर्मियों की छुट्टियों में हमारे विद्यालय की ओर से विद्यार्थियों का एक दल नैनीताल और रानीखेत के शैक्षणिक भ्रमण पर जा रहा है, जिसका उद्देश्य है- पर्वतीय जीवन और संस्कृति का अध्ययन करना। मेरी हार्दिक इच्छा है कि मैं भी इस दल का एक हिस्सा बनँ तथा पर्वतीय क्षेत्र की संस्कृति व भौगोलिक स्थितियों को अपनी आँखों से देखें। मेरे सभी साथी । इस यात्रा के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं। यदि आप मुझे इस भ्रमण पर जाने की अनुमति देंगे, तो निश्चित रूप से मेरी शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार होगा तथा मेरे ज्ञान में वृद्धि होगी। पिताजी, आशा है कि आप मेरी इस इच्छा को समझ रहे होंगे। मैं अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे रहा हूँ और इसमें आपको किसी शिकायत का अवसर नहीं मिलेगा।
घर के सभी बड़ों को मेरा सादर प्रणाम तथा छोटों को स्नेहा।
आपका पुत्र
मानव

अथवा

सेक्टर 16, द्वारका,
दिल्ली।।
दिनांक 15.07.20XX
प्रिय अनुज राम,
सस्नेह आशीष।
आज तुम्हारे मित्र द्वारा ही तुम्हारे कुशलमंगल की जानकारी मिली। मुझे बहुत खुशी है कि तुम विद्यार्जन के साथ-साथ खेलों पर भी ध्यान दे रहे हो। वर्तमान समय में खेल भी विद्या के समान ही आवश्यक हैं। ये भविष्य निर्माण में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होते हैं। तथा साथ ही शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक हैं। इससे तो तुम भी परिचित हो कि स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।

अतः स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान रखना, जिसके लिए निम्न सुझाव लाभप्रद हो सकते हैं।

  1. सुबह जल्दी उठना तथा रात को जल्दी सोना।
  2.  समय पर तथा सीमित भोजन करना।
  3.  नियमित व्यायाम करना।
  4. सदैव प्रसन्नचित्त रहो तथा फल, दूध आदि का सेवन करो।
  5. तैराकी भी उत्तम व्यायाम है।
  6.  समय-सारणी बनाकर नियमित रूप से विद्यार्जन करो।

आशा है तुम उपरोक्त सुझावों के अनुसार कार्य करोगे। अच्छा अब पत्र समाप्त करता हूँ। माताजी-पिताजी की ओर से आशीर्वाद। पत्र का उत्तर शीघ्र देना। तुम्हारा अग्रज
श्याम

उत्तर 15:
(i) प्रस्तुत चित्र में कुछ युवतियाँ किसी प्रदेश का लोकनृत्य कर रही हैं।
(ii) सभी युवतियों ने पारंपरिक एवं आकर्षक पोशाक पहनी है।
(iii) पोशाक के आधार पर युवतियाँ हरियाणा राज्य की लग रही हैं।
(iv) युवतियों के चेहरे पर प्रसन्नता एवं उल्लास के भाव दिखाई दे रहे हैं।
(v) युवतियों की नृत्य-भंगिमाएँ आकर्षक लग रही हैं।

अथवा

(i) प्रस्तुत चित्र में बहुत से लोग सड़क पर अस्त-व्यस्त स्थिति में खड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।
(ii) एक चोर किसी महिला का हार चुराकर भाग रहा है।
(iii) महिला चिल्ला रही है तथा चोर को पकड़ो, का इशारा कर रही है।
(iv) भीड़ में खड़े लोग केवल दर्शक मात्र बने हुए हैं। कोई भी व्यक्ति चोर को पकड़ नहीं रहा है।
(v) चित्र में पीछे की ओर कुछ दुकानें दिखाई दे रही हैं, जिनमें एक-एक व्यक्ति बैठा हुआ है।

उत्तर 16:
सत्यवान    रघुवीर! आज का समाचार-पत्र पढ़ा?
रघुवीर       हाँ मित्र! बाढ़ के कारण गाँव वालों का बुरा हाल हो गया है। सारी फसलें नष्ट हो गई हैं और गाँववासी बेघर होकर शहरों में आ रहे हैं।
सत्यवान     मित्र! मेरे मन में विचार आ रहा है कि बाढ़ पीड़ितों के लिए कुछ करना चाहिए।
रघुवीर        सही कहा। हम उन कैंपों में चलते हैं, जहाँ इन्हें बसाया जा रहा है। वहाँ जाकर देखेंगे और जो सहायता बन पड़ेगी, करेंगे।
सत्यवान      तेरे पास साइकिल है ना! मैं भी अपनी साइकिल लेकर आ रहा हूँ।
रघुवीर        ठीक है, मैं इंतजार कर रहा हूँ, जल्दी आना।

अथवा

रवि         क्या बात है मित्र! तुम बहुत खुश लग रहे हो।
अंकित    हाँ! इस बार गर्मियों की छुट्टियों में पिताजी ने शिमला जाने का प्रोग्राम बनाया है।
रवि          शिमला! अरे वाह! ये तो बहुत अच्छी बात है। तब तो तुम्हें गर्मियों में बहुत आनंद आएगा।
अंकित    हाँ! मैं तो शिमला, जाने के लिए बहुत उत्साहित हूँ।
रवि          मैंने सुना है कि शिमला बहुत सुंदर स्थान है। वहाँ प्राकृतिक सौंदर्य के अद्भुत नजारे दिखाई देते हैं। चारों ओर पहाड़-ही-पहाड़ तथा सुंदर वातावरण होता है।
अंकित     सच! यह सब सुनकर मेरा मन बहुत प्रसन्न हो रहा है। अच्छा! तुमने छुट्टियों के लिए क्या सोचा है?
रवि          मैने इस बारे में कुछ सोचा नहीं है।
अंकित     यदि तुम, हमारे साथ शिमला चलो तो बहुत आनंद आएगा। मैं तुम्हारे पिताजी से बात कर लैं?
रवि         धन्यवाद मित्र! इस वर्ष मेरे चचेरे भाई का विवाह है, तो सब उसी की तैयारी में लगे हैं। इस वर्ष हम कहीं घूमने नहीं जा पाएँगे।
अंकित     ठीक है मित्र! किंतु अगले वर्ष हम दोनों एक साथ कहीं घूमने चलेंगे।
रवि          हाँ! बिलकुल।

उत्तर 17:
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 1 17
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 9 Hindi B Paper 1 17a

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